सुरेंद्र मिन्हास की रिपोर्ट
बिलासपुर, हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति, बिलासपुर इकाई ने नशे के बढ़ते प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई है और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। समिति ने घोषणा की है कि आगामी 8 मार्च, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को संगठित कर नशे के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
समिति की बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा
समिति की बैठक जिलाध्यक्ष प्रो. के. एस. धीर की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें युवा बचाओ अभियान, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया गया। बैठक में नशे से हो रही मौतों को लेकर गहरी चिंता जताई गई और सरकार से इसे रोकने के लिए ठोस नीति बनाने की अपील की गई।
राज्य सचिव सत्यवान पुंडीर ने नारकोटिक्स विभाग और पुलिस प्रशासन की ओर से नशे के खिलाफ जारी कार्रवाई की सराहना की। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सप्लाई चेन को तोड़ने के साथ-साथ नशे की मांग को कम करने के प्रयास भी जरूरी हैं, अन्यथा यह मुहिम अधूरी रह जाएगी।
8 मार्च को होगा व्यापक जनजागरण अभियान
पुंडीर ने जानकारी दी कि 8 मार्च को जिलों में महिलाओं की लामबंदी की जाएगी। इस दौरान दवा विक्रेताओं, व्यापार मंडल और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से अपील की जाएगी कि वे नशे के खिलाफ सहयोग करें।
बिना डॉक्टर की पर्ची के कोई भी ऐसी दवा न बेची जाए जिससे नशे की प्रवृत्ति बढ़े।
पान-मसाला की दुकानों से अपील की जाएगी कि वे नशे से संबंधित उत्पादों की बिक्री न करें।
नशे से त्योहारों को बचाने की अपील
प्रो. धीर ने महाशिवरात्रि जैसे पवित्र त्योहारों को नशे से न जोड़ने की अपील करते हुए कहा कि इसे सांस्कृतिक रूप में मनाना चाहिए।
समिति की सह सचिव एवं जिला परिषद सदस्य प्रोमिला बसु ने नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताते हुए कहा कि कुछ सरकारी अधिकारी, डॉक्टर और कर्मचारी भी चिट्टा तस्करी में शामिल पाए गए हैं, जो बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने इसकी गहन जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की।
समाज के हर वर्ग को जिम्मेदारी निभाने की जरूरत
सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक और समिति सदस्य मनसा राम ने कहा कि अगर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले ही इसमें शामिल होंगे, तो समाज के लिए यह खतरा और बढ़ जाएगा। सेवानिवृत्त अधिकारी लेख राम सेन ने भी इस पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को नशे के खात्मे के लिए समग्र और प्रभावी नीति बनानी होगी, नहीं तो ‘चिट्टा’ की जगह कोई और नशा समाज को बर्बाद कर देगा।
सेवानिवृत्त सह निदेशक शिक्षा सुशील पुंडीर ने सुझाव दिया कि जन प्रतिनिधियों, नागरिकों और सामुदायिक संगठनों को शामिल कर एक व्यापक जनजागरण अभियान चलाना होगा।
नशामुक्ति के लिए ठोस रणनीति की जरूरत
राज्य सह सचिव सीता राम ठाकुर ने पुलिस प्रशासन की सक्रिय भूमिका की सराहना की और कहा कि जिला और प्रदेश पुलिस नशा तस्करों के गिरोहों को बेनकाब करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रेडक्रॉस सचिव अमित ने सुझाव दिया कि नीमहंस जैसे संस्थानों के सहयोग से काउंसलिंग और नशामुक्ति केंद्रों का विस्तार किया जाना चाहिए।
7 अप्रैल को होगा बड़ा अधिवेशन
समिति ने घोषणा की कि 7 अप्रैल को विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक बड़ा अधिवेशन आयोजित किया जाएगा, जिसमें नशे के खिलाफ संयुक्त अभियान मंच का गठन किया जाएगा।
हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की इस मुहिम से यह स्पष्ट है कि नशे के खिलाफ लड़ाई को सामाजिक स्तर पर मजबूत करने की जरूरत है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पहल में कितना सहयोग देते हैं।
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Author: samachardarpan24
जिद है दुनिया जीतने की