जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया जिले के संवरा स्थित बड़ौदा यूपी बैंक शाखा से 21.58 लाख रुपये की गबन के मामले में पुलिस ने मंगलवार को शाखा प्रबंधक, कैशियर और चपरासी को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पुलिस द्वारा सात दिनों तक चली जांच के बाद की गई, जिसमें तीनों की संलिप्तता संदिग्ध पाई गई।
कैसे हुआ खुलासा?
27 जनवरी को बैंक के शाखा प्रबंधक चंद्रभूषण राज ने पुलिस को सूचना दी कि उनके कैश बॉक्स से 21.58 लाख रुपये गायब हो गए हैं। इस सूचना पर बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और बैंक में जांच शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस को यह समझ में आया कि बैंक के अंदर जबरन घुसने के कोई संकेत नहीं हैं और सीसीटीवी कैमरे भी खराब थे। इसके बाद संदेह बैंक के अंदर कार्यरत कर्मचारियों पर गहराने लगा।
शाखा प्रबंधक ने अपने बयान में कहा था कि कैश बॉक्स की एक चाबी उनके पास और दूसरी कैशियर स्वामीनाथ राम के पास रहती थी। इसके आधार पर 28 जनवरी को कैशियर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
सात दिनों तक चली गहन जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी निरीक्षक रत्नेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने सात दिनों तक इस गबन की बारीकी से जांच की।
हालांकि, जांच के दौरान पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला, लेकिन बैंक प्रबंधन की भूमिका संदेहास्पद पाई गई। गहन पूछताछ और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने यह निष्कर्ष निकाला कि इस गबन में सिर्फ कैशियर ही नहीं, बल्कि शाखा प्रबंधक चंद्रभूषण राज और चपरासी सुनील यादव भी शामिल हैं।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया
जांच पूरी होने के बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी फहीम कुरैशी ने बताया कि शाखा प्रबंधक, कैशियर और चपरासी को बैंक के 21.58 लाख रुपये के गबन का आरोपी पाया गया है। मंगलवार को तीनों को गिरफ्तार कर चालान कर दिया गया और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
बैंक में सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल
इस घटना ने बैंक की सुरक्षा व्यवस्था और पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सीसीटीवी कैमरों का खराब होना, बाहरी घुसपैठ के कोई निशान न मिलना, और बैंक के अंदर के ही लोग इसमें शामिल होना— ये सभी तथ्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि गबन की यह घटना बड़ी साजिश के तहत अंजाम दी गई थी।
फिलहाल, पुलिस इस मामले में और साक्ष्य जुटाने और गबन की गई राशि की बरामदगी के लिए आगे की कार्रवाई कर रही है।
Author: मुख्य व्यवसाय
जिद है दुनिया जीतने की