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11 March 2025 4:39 am

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रुतबा अलग और अंदाज बिलकुल जुदा, ऊंची पहुंच रखने वाली इस जमीर बेच देने वाली PCS महिला अधिकारी के कारनामे शरमा देती हैं

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

मथुरा में तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) किरन चौधरी को विजिलेंस टीम ने 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मंगलवार को की गई, जिसके बाद पूरे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। किरन चौधरी पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन हर बार वह अपनी ऊंची पहुंच के बल पर बचती रहीं।

पहले भी हो चुके हैं आरोप, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई

सुल्तानपुर की रहने वाली डीपीआरओ किरन चौधरी की जुलाई 2021 में मथुरा में तैनाती हुई थी। उनके कार्यकाल के दौरान ग्राम पंचायतों में लाइटें लगाने के टेंडर समेत कई मामलों में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं। वर्ष 2022 में भी एक जांच हुई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा, जिले के कई ग्राम प्रधान भी समय-समय पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें करते रहे हैं।

विजिलेंस टीम ने घर और ऑफिस में मारा छापा

गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने किरन चौधरी के थाना हाईवे स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के घर पर करीब 40 मिनट तक पूछताछ की। वहीं, दूसरी टीम ने राजीव भवन स्थित उनके कार्यालय में छापा मारा और महत्वपूर्ण दस्तावेज खंगाले। इस दौरान टीम को कुछ महत्वपूर्ण कागजात भी मिले, जिनकी जांच की जा रही है।

जैसे ही गिरफ्तारी की खबर फैली, राजीव भवन में हलचल मच गई। कार्यालय में मौजूद कई अधिकारी और कर्मचारी चुपचाप खिसक गए। विजिलेंस टीम ने कार्यालय में घंटों तक छानबीन की, जिसमें शिकायतकर्ता झुडावई ग्राम प्रधान प्रताप सिंह राना भी मौजूद रहे। इस दौरान, केवल बड़े बाबू और कुछ अन्य कर्मचारी ही विजिलेंस की कार्रवाई में सहयोग करने के लिए मौजूद रहे।

अधिकारियों ने साधी चुप्पी, विजिलेंस ने गुप्त रखा ऑपरेशन

डीपीआरओ की गिरफ्तारी के बाद जब मीडिया ने जिले के अधिकारियों से संपर्क किया तो किसी ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया, जबकि डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय ने सिर्फ इतना बताया कि उन्हें इस कार्रवाई की जानकारी है, लेकिन विजिलेंस टीम ने स्थानीय प्रशासन को कोई भी सूचना नहीं दी थी।

पूरी कार्रवाई बेहद गोपनीय रखी गई, यहां तक कि डीपीआरओ और उनके चालक को कहां ले जाया गया, इसकी भी जानकारी किसी को नहीं दी गई। फिलहाल विजिलेंस टीम उनसे गहन पूछताछ कर रही है और संभावना है कि इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

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