टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
90 के दशक में जब ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड में कदम रखा, तो अपनी खूबसूरती और अदाकारी के चलते उन्होंने तुरंत सुर्खियां बटोरीं। लेकिन फिल्मों से दूरी बनाने के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। वह आध्यात्म की ओर मुड़ गईं और साध्वी बनकर जीवन जीने लगीं। हालांकि, आध्यात्मिक सफर में भी वह विवादों से दूर नहीं रह सकीं।
किन्नर अखाड़े ने दी थी महामंडलेश्वर की उपाधि, लेकिन विवादों के बाद छिनी पदवी
महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी, जिससे वह सात दिनों तक इस पद पर रहीं। लेकिन कुछ बाबाओं ने इस फैसले का विरोध किया और उन पर सवाल उठाए, जिसके बाद यह उपाधि उनसे वापस ले ली गई।
हाल ही में, एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने ‘आप की अदालत’ शो में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने अपने आध्यात्मिक सफर, नवरात्रि व्रत और तपस्या के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र किया।
वॉशरूम में 40 मिनट बिताने का किस्सा
ममता कुलकर्णी ने अपने आध्यात्मिक अनुभव साझा करते हुए बताया कि नवरात्रि के दौरान जब उन्होंने नौ दिनों की कठोर तपस्या की, तो उनका शरीर पूरी तरह से तपस्वी भाव में चला गया था। उन्होंने बताया कि एक बार वह अपने डिजाइनर के साथ थीं और उन्होंने वॉशरूम जाने के लिए कहा। लेकिन जब वे अंदर गईं, तो वहां 40 मिनट तक आंखें बंद करके बैठी रहीं।
उन्होंने कहा, “मेरी तपस्या इतनी गहरी थी कि शराब मुझे जलाने लगी थी। बाहर लोग इंतजार कर रहे थे और पूछ रहे थे कि क्या सब ठीक है?” इस घटना ने उन्हें यह एहसास कराया कि उनका शरीर पूरी तरह साधना में लीन हो चुका था।
23 साल की तपस्या और नवरात्रि में स्कॉच पीने की कहानी
शो के दौरान ममता से पूछा गया कि बॉलीवुड के दौरान भी वह नवरात्रि में ध्यान और व्रत रखती थीं, लेकिन फिर भी रात में ताज होटल जाकर स्कॉच पीती थीं? इस पर ममता ने बेबाकी से जवाब दिया कि उनकी जीवनशैली ऐसी थी कि जहां भी शूटिंग के लिए जाती थीं, वहां तीन सूटकेस लेकर जाती थीं—एक कपड़ों का, एक अन्य सामान का और एक मंदिर से जुड़ी चीजों का।
उन्होंने बताया कि वह अपने कमरे में हमेशा एक छोटी-सी जगह बनाती थीं, जहां अपने देवी-देवताओं की मूर्तियां और पूजा का सामान रखती थीं।
नौ दिनों तक 36 किलो चंदन से यज्ञ किया
ममता ने अपने नवरात्रि अनुष्ठान के बारे में बताया कि उन्होंने नौ दिनों तक केवल पानी पीकर व्रत रखा था और दिन में तीन बार यज्ञ करती थीं—सुबह, दोपहर और रात। उन्होंने बताया, “नौ दिनों तक मैंने 36 किलो चंदन से यज्ञ किया। मैं तीन-चार घंटे ध्यान में रहती थी। 12 बजे हवन-यज्ञ का समय होता था और नौवें दिन पूर्णाहुति की।”
नवरात्रि व्रत के बाद स्कॉच पीने की वजह
उन्होंने खुलासा किया कि जब नौ दिनों की कठोर तपस्या के बाद उनका व्रत समाप्त हुआ, तो उनके डिजाइनर ने उनसे कहा कि वह बहुत गंभीर हो गई हैं और उन्हें थोड़ा रिलैक्स करना चाहिए। इसी वजह से वह ताज होटल गईं और स्कॉच के दो पैग लिए।
आध्यात्मिक सफर और ममता कुलकर्णी की सोच
ममता कुलकर्णी ने इस इंटरव्यू में अपने आध्यात्मिक सफर के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि वह 23 साल तक साधना में रहीं और अब भी आध्यात्म की राह पर चल रही हैं। हालांकि, विवादों से उनका पीछा नहीं छूटा है।
फिल्मों से संन्यास लेकर आध्यात्मिक जीवन अपनाने के बावजूद, उनकी जिंदगी में विवादों का सिलसिला जारी है। लेकिन ममता अपने फैसलों को लेकर दृढ़ हैं और अपनी साधना के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।
Author: मुख्य व्यवसाय
जिद है दुनिया जीतने की