टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
12 अगस्त 2023 की आधी रात का वक्त और जगह मुंबई से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर मुंबई-अहमदाबाद हाईवे। रात के तकरीबन साढ़े तीन बजे इसी हाईवे के किनारे बदहवाश हालत में एक लड़की खड़ी थी। कुछ देर बाद एक ऑटो उसके पास आकर रुकता है और ये लड़की उसमें बैठकर चली जाती है।
रात बीतती है और अगले दिन सुबह मुबंई पुलिस के पास 15 साल की एक लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है।
लड़की के परिजन बताते हैं कि एक दिन पहले उनकी बेटी अपने कुछ दोस्तों के साथ एक बर्थडे पार्टी में गई और वापस नहीं लौटी। पुलिस केस दर्ज कर लड़की की तलाश शुरू कर देती है।
छानबीन होती है तो लड़की की लोकेशन राजस्थान में मिलती है। तुरंत एक टीम रवाना होती है और उसे राजस्थान से मुंबई ले आती है। अब सवाल था कि आखिर ये लड़की राजस्थान क्यों गई? पुलिस पूछताछ करती है तो सामने आती है एक बेहद खौफनाक कहानी।
सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस लड़की के साथ आखिर हुआ क्या था और वो राजस्थान क्यों गई।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अगस्त को वह अपने कुछ दोस्तों के साथ मुंबई के एक रेस्टोरेंट में बर्थडे पार्टी में गई थी। पार्टी में धनंजय दुबे नाम का एक आदमी भी था, जिसे उसके एक दोस्त ने वहां बुलाया था। थोड़ी देर बाद दुबे ने कहा कि अब किसी और जगह चलकर पार्टी करते हैं और सभी लोग शहर से कुछ दूर एक ढाबे पर पहुंच गए।
यहां पार्टी करते-करते रात के ढाई बज गए और अब सारे दोस्त घर जाने की तैयारी करने लगे। इस बीच दुबे ने लड़की से कहा कि वो उसे अपनी गाड़ी में घर छोड़ देगा। हालांकि, उसने रास्ते में हाईवे किनारे एक सुनसान जगह पर अपनी गाड़ी रोकी और लड़की के साथ जोर जबरदस्ती करने लगा। लड़की को शायद पहले से उसपर शक था, इसलिए जैसे ही गाड़ी रुकी, उसने अपने मोबाइल का वॉयस रिकॉर्डिंग बटन ऑन कर दिया।
लड़की चिल्लाई, लेकिन उस सुनसान जगह पर उसकी चीख किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद दुबे ने उसे गाड़ी से नीचे फेंका और फरार हो गया। लड़की बुरी तरह डर गई और घर ना जाकर ऑटो से रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां उसने ट्रेन पकड़ी और राजस्थान चली गई। लड़की की आपबीती सुनने के बाद पुलिस ने किडनैपिंग और रेप का केस दर्ज किया और आरोपी दुबे की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस ने सबसे पहले पार्टी में शामिल दोस्तों से बात की, लेकिन इनमें से किसी के पास दुबे का कोई नंबर या एड्रेस नहीं था। आरोपी की पहचान के तौर पर पुलिस के पास केवल उसका नाम था।
अब पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए और रेस्टोरेंट से लेकर हाईवे तक की फुटेज देख डाली। फुटेज के जरिए कड़ियों को जोड़ती हुई पुलिस को नायगांव इलाके में दुबे का एड्रेस मिल गया। हालांकि, जब तक पुलिस पहुंचती, दुबे वहां से जा चुका था।
पूछताछ में पता चला कि दुबे ने यहां फर्जी आधार कार्ड देकर किराए पर फ्लैट ले रखा था। अब पुलिस ने दुबे को जानने वालों और फ्लैट के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ शुरू की।
मामले की तहकीकात करते-करते करीब एक महीना बीत गया और पुलिस के हाथ अभी भी खाली थे। मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल या किसी तरह का कोई सुराग आरोपी के बारे में कहीं से नहीं मिला। लेकिन, कहते हैं कि मुजरिम कितना ही शातिर हो, कोई ना कोई गलती जरूर करता है।
रेप का आरोपी दुबे भी एक गलती कर बैठा। दरअसल, 20 सितंबर को इस केस की जांच कर रहे पुलिस अफसर के मोबाइल नंबर पर अंजान नंबर से एक वॉट्सऐप कॉल आई। ये कॉल खुद धनंजय दुबे की थी। उसने अफसर से कहा कि वो लोग उसे कभी नहीं पकड़ पाएंगे, इसलिए उसके दोस्तों से सवाल पूछना और उन्हें परेशान करना बंद करें। पुलिस को उम्मीद नहीं थी कि दुबे इस तरह उन्हें फोन कर सकता है।
डॉन को पकड़ना नामुमकिन है…
बातचीत को लंबी बढ़ाने के इरादे से अफसर ने दुबे से पूछा कि क्या वो पुलिस को चुनौती दे रहा है? इसपर दुबे ने कहा, ‘डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।’ अब पुलिस के पास एक नंबर आ चुका था। तुरंत इस नंबर के कॉल डेटा रिकॉर्ड निकलवाए गए, जिससे पता चला कि दुबे लगातार एक महिला के संपर्क में था। पुलिस ने एक टीम को सादी वर्दी में महिला के ऊपर निगरानी पर लगा दिया।
29 सितंबर को जब महिला उत्तन इलाके के एक फ्लैट में छिपे दुबे से मिलने गई, तो पुलिस ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद दुबे को लेकर एक और खुलासा हुआ। दरअसल, दुबे इससे पहले हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पांच साल तक जेल में रह चुका था। इसलिए, वह जानता था कि पुलिस कैसे काम करती है और इसी वजह से लंबे वक्त तक पुलिस की नजरों से छिपा रहा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."