अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज में 2025 में होने जा रहे महाकुंभ के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इतने विशाल आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए विभिन्न राज्यों से पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है। इस महाकुंभ में सुरक्षा के लिए कुल 6,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इनमें से कई पुलिसकर्मी 25 अक्टूबर से ही ड्यूटी पर पहुंचने लगे थे।
हालांकि, इस बार महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था में एक अप्रत्याशित चुनौती सामने आई है। तैनात किए गए 6,000 पुलिसकर्मियों में से 1,200 पुलिसकर्मियों ने दिसंबर महीने में छुट्टी के लिए आवेदन किया है। इस तथ्य ने अधिकारियों को चौंका दिया है, क्योंकि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में हर पुलिसकर्मी की मौजूदगी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
700 पुलिसकर्मियों की छुट्टी की एक समान वजह
इन 1,200 पुलिसकर्मियों में से सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि लगभग 700 पुलिसकर्मियों ने अपनी छुट्टी का एक ही कारण बताया है। इन 700 पुलिसकर्मियों का कहना है कि उनकी पत्नियों की डिलीवरी (प्रसव) के कारण उन्हें छुट्टी की आवश्यकता है। इनमें कुछ पुलिसकर्मियों की पत्नियों की डिलीवरी दिसंबर में है, तो कुछ की जनवरी में। यह पुलिसकर्मी मुख्य रूप से 2018 और 2023 में भर्ती हुए हैं।
परिवार की देखभाल के लिए भी छुट्टी के आवेदन
इसके अलावा, 250 पुलिसकर्मियों ने अपने माता-पिता की बीमारी की वजह से छुट्टी की मांग की है। कुछ पुलिसकर्मियों ने रिश्तेदारों की मृत्यु या धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छुट्टी मांगी है।
अधिकारियों के लिए चुनौती
इतनी बड़ी संख्या में छुट्टी के आवेदन आने से महाकुंभ की सुरक्षा देख रहे वरिष्ठ अधिकारी परेशान हैं। कुंभ के दौरान कानून-व्यवस्था को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी है, और पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी से सुरक्षा में बाधा आ सकती है।
चुनिंदा छुट्टियां स्वीकृत, कुछ आवेदन रद्द
हालात की गंभीरता को देखते हुए, जिन पुलिसकर्मियों के छुट्टी के कारण वास्तविक और आपातकालीन हैं, केवल उन्हीं की छुट्टियां मंजूर की जा रही हैं। कई आवेदन रद्द भी किए जा रहे हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था पर कोई असर न पड़े।
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होगा। जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, प्रयागराज में संत-महात्माओं के शिविर और श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में कुंभ के शांतिपूर्ण और सुरक्षित संचालन के लिए पुलिस बल का पर्याप्त संख्या में मौजूद होना आवश्यक है।
महाकुंभ के दौरान यह सुनिश्चित करना कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहें, प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसलिए, पुलिसकर्मियों की छुट्टियों का सही से प्रबंधन करना अत्यंत जरूरी हो गया है।