सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, और इस विशाल लोकतांत्रिक देश में कई शहरों का अपना ऐतिहासिक महत्व है। इन शहरों के नाम से भारत की पहचान पूरे विश्व में होती है। भारत में कई ऐसे शहर और गांव हैं, जिनके नाम में आपने शायद “पुर” शब्द देखा होगा।
क्यों लगाया जाता है “पुर”?
“पुर” शब्द को प्राचीन काल से ही भारतीय शहरों के नाम में शामिल किया जाता है और यह शब्द आमतौर पर नाम के अंत में प्रयोग होता है। प्राचीनकालीन दौर में, कई राजा महाराजों ने अपने नाम के साथ “पुर” शब्द जोड़कर शहरों के नाम रखे थे। उदाहरण के लिए, जयपुर शहर का निर्माण राजा जयसिंह ने कराया था। उन्होंने अपने नाम के साथ “पुर” को जोड़कर शहर का नाम जयपुर रखा था। इसी तरह अन्य शहरों के नामों में भी “पुर” शब्द का प्रयोग किया जाता है।
“पुर” शब्द का अर्थ क्या होता है?
“पुर” शब्द का अर्थ होता है “शहर” या “किला”। इस शब्द का प्राचीन संस्कृत में प्रयोग होता था, और इसे कई वर्षों तक भारतीय शहरों के नाम में जोड़ा जाता रहा है। प्राचीनकाल में, राजा-महाराजाओं ने अपने राज्य की राजधानी और अन्य महत्वपूर्ण शहरों को उनके नाम के साथ “पुर” शब्द से सम्बोधित किया। इसे उनकी संघर्षों, यद्यपि इतिहास में बदलते युगों के साथ, अपने मूल्यवान और सांस्कृतिक विरासत का संकेत माना जाता है। बस समय के साथ अलग अलग शहरों और गांवों में नाम में ये शब्द जुड़ता चला गया। आज न जाने कितने शहरों और गांवों के नाम में यह शब्द जुड़कर उनकी पहचान बना हुआ है।
अफगानिस्तान और ईरान में पुर का प्रयोग
कुछ भाषा-विद्वानों का मानना है कि “पुर” शब्द का प्रयोग अरबी भाषा में भी होता है। इस कारण से अफगानिस्तान और ईरान के कुछ शहरों में भी “पुर” शब्द का उपयोग किया जाता है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."