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November 23, 2024 3:24 am

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हैरतअंगेज ; यहां हर रोज 3 बच्चियों की लूटी जाती है इज्जत तो 16 महिलाओं के ऊपर से रोज गुजर जाता है इसका साया

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टिक्कू आपचे की रिपोर्ट 

मुंबई: 29 मार्च को मुंबई के बोरीवली रेलवे पर एक छात्रा से छेड़छाड़ करने की घटना घटी। आरोपी दीपक पुजारी को जीआरपीएफ ने विरार से गिरफ्तार किया। बोरीवली जीआरपीएफ के अनुसार, छात्रा ने बोरीवली स्टेशन परिसर में आरोपी के खिलाफ गलत हरकत करने की कोशिश और बदसलूकी करने की शिकायत की। पीड़िता ने जब विरोध करते हुए शोर मचाया, तो आरोपी ट्रेन में बैठकर फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुजारी को गिरफ्तार किया गया।एक और मामला में एमएचबी पुलिस के तहत 14 वर्ष की एक नाबालिग अपने मामा और मौसेरे भाई के खिलाफ कथित तौर पर दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराई थी। हालांकि, दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन इंसानियत को हिला देने वाली इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि लोग आखिर भरोसा किस पर करें। पीड़िता अपने मामा के घर में 2014 से रह रही थी। यहीं पर रिश्तेदारों ने पीड़िता के साथ कथित दुष्कर्म किया। पालघर निवासी चाचा को पीड़िता ने जब जानकारी दी, उसके बाद घटना का खुलासा हुआ।

महानगर में महिलाओं के अपराध को रोकने के लिए तमाम अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन, साल के शुरुआत में ही महिलाओं के साथ घटी छेड़छाड़, विनयभंग, किडनैंपिंग जैसी आपराधिक घटनाओं का आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा-व्यवस्था दयनीय है। प्रशासनिक दावे खोखले हैं, क्योंकि यहां औसतन हर दिन 16 महिलाएं किसी न किसी अपराध की शिकार बन रही हैं।

59 दिन में 955 केस दर्ज

महिला अपराध की बात करें, तो मुंबई में महिलाएं अन्य शहरों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। हालांकि, मुंबई पुलिस के आंकड़ें बता रहे हैं कि महिलाओं के संबंधित जनवरी में 502 केस दर्ज किए गए। फरवरी में यह आंकड़ा कम होकर 453 हो गया। यानी 59 दिन में 955 केस दर्ज हुए। इस हिसाब से प्रति दिन 16 केस दर्ज हुए। डिटेक्शन दर की बात करें, तो जनवरी में 327 केसों को सुलझाने में पुलिस सफल रही, जबकि फरवरी में यहां आंकड़ा मात्र 284 ही था। इस हिसाब से पिछले दो महीने में दर्ज 955 केस में मात्र 611 मामले ही सुलझ पाए, यानी 344 केस अब भी अनसुलझे हैं।

रेप, किडनैंपिंग और छेड़छाड़ के मामले अधिक

मुंबई पुलिस से मिले आंकड़े बताते हैं कि जनवरी और फरवरी में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, विनयभंग, रेप और किडनैपिंग की घटनाएं अधिक दर्ज हुई हैं। फरवरी में रेप के 60, किडनैपिंग के 98 और विनयभंग के 175 केस दर्ज किए गए। वहीं, जनवरी में रेप के 78, किडनैपिंग के 115 और विनयभंग के 172 केस दर्ज किए गए। इन दो महीनों में कुल 178 रेप के मामले, जबकि विनयभंग के 347 केस दर्ज हुए। जनवरी और फरवरी में औसतन हर दिन 6 महिलाएं विनयभंग की, जबकि 3 महिलाएं रेप की शिकार बनी हैं। हालांकि, पॉक्सो के इन दो महीनों में क्रमश: 85 और 80 केस सामने आएं हैं। हर दिन औसतन 3 नाबालिग छेड़छाड़, रेप और ईव टिजिंग की शिकार बनीं हैं।

नाबालिग बनती हैं सर्वाधिक शिकार

महानगर में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसका शिकार नाबालिग सर्वाधिक हो रही हैं। इस अपराध के तहत साल 2021 में 524 मामले, जबकि 2022 में 614 नाबालिग लड़कियों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 376 के तहत दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया था। बालिग पीड़िता से जुड़े क्राइम की बात करें, तो वर्ष 2022 में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 370 मामले और 2021 में 364 मामले दर्ज किए गए। इस हिसाब से 2022 में कुल दुष्कर्म के मामले 984, जबकि 2021 में 888 थे।

मुंबई में रोज 3 बच्चियों का होता है यौन शोषण!

इस साल जनवरी और फरवरी में हर दिन मुंबई में औसतन 3 बच्चियों के यौन शोषण की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार, नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ एवं बदसलूकी के जनवरी में 80, जबकि फरवरी में 85 केस दर्ज किए गए। यानी 59 दिन में ऐसे 165 मामले सामने आए। पुलिस मुख्यालय से जुड़े के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई के विभिन्न थानों में प्रतिदिन 3 बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामले दर्ज किए जाते हैं। इसी सप्ताह समता नगर पुलिस ने नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में एक शिक्षक को पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस) ऐक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। वाकोला पुलिस ने भी एक नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में पड़ोसी को गिरफ्तार किया है।

सजग और सर्तक हैं मुंबई की महिलाएं

महिलाओं के लिए मुंबई सुरक्षित शहर है। यहां की औरतें जागरूक हैं, इसलिए वे महिला अधिकार को समझ रहीं हैं। महिलाओं के मुद्दे को लेकर संबंधित एनजीओ एवं मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय हैं। घरेलू हिंसा, दुष्कर्म और किडनैपिंग जैसी महिलाओं से जुड़ी आपराधिक मामले अधिकतर दर्ज होते हैं। वहीं, मुंबई में महिलाओं की हत्या जैसी गंभीर प्रकार की घटनाएं कम घटित होती हैं। निर्भया पुलिस दस्ता, कांउसिलिंग सेंटर, महिला हेल्पलाइन डेस्क, भरोसा सेल और विमिन प्रॉटेक्शन सेल आदि महिलाओं की सुरक्षा करती हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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