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November 24, 2024 3:05 pm

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नौकरी के नाम पर महिलाओं को भेजता था ओमान और जिस्मफरोशी का ऐसा करता था खेल कि सुनकर लोग हक्के-बक्के रह गए

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टिक्कू आपचे की रिपोर्ट 

महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस (Mumbai Police, Maharashtra) ने नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं को ओमान ले जाकर जिस्मफरोशी में धकेलने वाले दो दलालों को गिरफ्तार किया है। दोनों दलालों ने 43 साल की एक कास्टिंग एजेंट को नौकरी के नाम पर ओमान में यौन व्यापार में धकेलने की कोशिश की थी।

पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि ओमान में नौकरी के नाम पर उसने इन दोनों को तीन लाख रुपए दिए थे। महिला ने इसकी शिकायत मीरा भायंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) में काशीमीरा पुलिस थाने में अगस्त 2022 में दर्ज कराई थी। पुलिस टीम ने इस मामले में पिछले सप्ताह एक आरोपित को पकड़ा था।

आरोपियों की पहचान कर्नाटक के 46 वर्षीय अशरफ मैदु कविरा और घाटकोपर की 46 वर्षीय नमिता सुनील मसुलकर के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि यह पता लगाने के लिए जाँच की जा रही है कि इस रैकेट में और कितने एजेंट शामिल हैं। इसके साथ ही इन लोगों ने कितनी महिलाओं को देह व्यापार में धकेला है।

इस मामले में शिकायत करने वाली महिला ने बुधवार (8 मार्च 2023) को कहा कि यह उसके एनजीओ, छत्रपति मराठा साम्राज्य संगठन का एक अंडरकवर ऑपरेशन था। महिला ने मिड-डे को बताया कि कुछ पीड़ितों के परिवार इस तरह की शिकायत लेकर एनजीओ के पास आए थे।

महिला ने कहा, “मुझे पता चला कि एजेंटों का एक गिरोह महिलाओं को घरेलू असिस्टेंट, मॉल में एक सेल्स गर्ल, नर्स आदि के रूप में काम दिलाने के नाम पर ओमान भेज रहा था। जब महिलाएँ एक बार ओमान चली जाती थीं तो उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता है।”

महिला ने बताया, “परिवारों ने हमें बताया कि विदेश में नौकरी की तलाश कर रही महिलाओं को जस्ट डायल पर एजेंटों के संपर्क नंबर मिले थे। मैंने एक नंबर पर कॉल किया और नमिता से संपर्क किया, जिसने मुझे ओमान में नौकरी की पेशकश की। मैं 27 जुलाई 2022 को ओमान पहुँची। वहाँ अन्य महिलाओं के वीडियो और तस्वीरें लीं और हमारे दो एनजीओ सदस्यों जितेंद्र पवार और नवीन मोरे को भेजी, जो वहाँ रहते हैं।”

महिला ने बताया, “जब ओमान में एजेंटों को पता चला कि मैंने क्या किया है तो उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने मुझे 7-8 अन्य महिलाओं के साथ एक कमरे में बंद कर दिया। उसमें से AC हटा दिया और वहाँ से भाग गए। इसके बाद मैंने उन महिलाओं को सीधे भारतीय दूतावास जाने के लिए कहा।”

महिला ने कहा, “हमारे एनजीओ के दो सदस्यों के साथ हमने अपना लोकेशन साझा किया और वे आकर मुझे बचाए। हमारे एनजीओ के सदस्यों ने मुझे वहाँ से निकालने के लिए ओमान को एजेंटों को 1.6 लाख रुपए का भुगतान भी किया।” महिला ने कहा कि उसने भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और नाइजीरिया सहित अन्य अफ्रीकी देशों की लगभग 70 महिलाओं को देखा।

महिला ने दावा किया कि ओमान में एजेंटों ने महिलाओं को चुना और उन्हें ग्राहकों के पास भेज दिया। जब महिलाएँ वापस कैंप में आईं तो उन्होंने बताया कि कैसे ग्राहकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया और उन्हें पूरे दिन काम करने के लिए मजबूर किया। महिला ने कहा कि उसने पहले इस ऑपरेशन का खुलासा इसलिए नहीं किया, क्योंकि वह चाहती थी कि पुलिस आरोपितों को पकड़े।

महिला का कहना है कि 2 अगस्त 2022 को वह भारत लौटी तो उसने इस बारे में प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। महिला का कहना है कि जब उसने महाराष्ट्र महिला आयोग तो चिट्ठी लिखी तो पुलिस ने जाँच शुरू की।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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