यह कैसा गणतंत्र? आज भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ भरे रास्ते उपलब्ध….

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आनंद शर्मा की रिपोर्ट 

उनियारा. कहने को तो हम अपने राष्ट्र का 74 वा गणतंत्र दिवस मना रहे हे परंतु आज भी अपने मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं कर पाए है,गणतंत्र दिवस जो हमारे संविधान लागु होने की याद दिलाता है पर बालक आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। कीचड़ में सन कर जाना ब्लॉक के विद्यालयों की पहचान बन चुका है। चाहे फिरोजपुरा हो या याकुबपुरा गोठड़ा और रूपवास के प्रवेश द्वार भी इससे अछूते नही है।

पीडब्ल्यूडी और पंचायत प्रशासन एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। एक्स ई एन साहब कहते हैं बजट नहीं और सरपंच कहते हैं कि हमारा कार्य क्षेत्र नहीं है. उनका दोष नहीं है।

गरीब बालको की सुनने वाला कोई नहीं है क्योंकि वो वोट बैंक नहीं है, होते तो ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का पद भर गया होता।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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