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November 3, 2024 2:01 am

72 घंटे का किसान महाधरना, इन मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन ; वीडियो ? देखिए

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ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट 

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में हजारों किसान एक बार फिर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं है उनकी मांगों से सबसे प्रमुख मांग केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी। लखीमपुर खीरी के अनाज मंडी में होने वाला यह धरना 21 अगस्त तक चलेगा। पंजाब के लगभग 10,000 किसान लखीमपुर खीरी में केंद्र सरकार के खिलाफ 72 घंटे के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में ‘न्याय की मांग’ करने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया।

इस तीन दिवसीय चलने वाले विरोध प्रदर्शन में किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल और जोगेंद्र उग्रा भी शामिल होंगे। इस महाधरने में शामिल होने के लिए पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से हजारों किसान लखीमपुर खीरी पहुंचे हैं। किसानों के तीन दिन के इस महाधरने में किसान प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने और तिकुनिया समझौते के तहत घायल हुए किसानों को 10 लाख का मुआवजा की मांग कर रहे हैं। राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या ये प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर किया जा रहा है? तो उन्होंने कहा, ‘ये लोग चुनाव में बेइमानी से जीतेंगे, जनता तो इन्हें वोट देने वाली नहीं ये बंदूक के दम पर चुनाव जीतेंगे। हारे हुए कैंडिडेट को जीत का सर्टिफिकेट देंगे ये।’

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High Court ने Aashish Mishra को जमानत देने से इनकार किया

26 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने आशीष मिश्रा (Aashish Mishra) को जमानत देने से इनकार कर दिया था। आशीष मिश्रा कथित तौर पर किसानों को कुचलने वाली गाड़ियो में से एक में बैठे थे। प्रदर्शनकारी किसानों की अन्य मांगों में केंद्र के अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना शामिल है।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब दो साल तक चले किसानों के आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी एक बड़ा केंद्र बनकर उभरा था। पिछले साल अक्टूबर के महीने में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर कुछ आंदोलनकारी किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा देने का आरोप लगा था। इस मामले में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में आशीष मिश्रा गिरफ्तार कर लिए गए। उनकी जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था लेकिन सफलता नहीं मिली और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."