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लखीमपुर-खीरी

कहीं पानी बे असर तो कहीं पानी का कहर ; घाघरा नदी ने बदला रुख और दर्जनों धर समेटे अपनी जद में 

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखीमपुर खीरी के धौरहरा में घाघरा नदी अपने उफान पर है। घाघरा नदी का पानी कैरातीपुरवा के मजरा महादेव पुरवा, कल्लू बेरिहन पुरवा और बिलासपुरवा होते हुए बंशीबेली तक पहुंच गई है।

अब तक घाघरा नदी ने आधा दर्जन से अधिक घरों को अपने जद में ले लिया है। कटान से प्रभावित ग्रामीणों ने अपने घर उजाड़ने शुरू कर दिए हैं। वहीं मिर्जापुर में कटान की रफ्तार धीमी पड़ी है जिसके बाद बाढ़ खंड ने बचाव कार्य तेज कर दिया है।

कैरातीपुरवा के मजरा बंशीबेली की तरफ बढ़ती घाघरा नदी ने गांव के पेशकार, अमृतलाल, आशाराम, संतराम और रामकुमार समेत कई अन्य लोगों के घरों को अपने निशाने पर ले लिया है। पिछले चार दिनों से घाघरा नदी बंशीबेली के मजरा महादेव पुरवा, बिलास पुरवा और कल्लू बेरिहन पुरवा में कटान कर रही थी।

घाघरा नदी के दूसरी तरफ बहराइच जिले की सीमा पर खीरी के तीन ग्राम पंचायतें स्थित हैं। जिनके करीब ढाई दर्जन छोटे-छोटे मजरे टुकड़ों में बसे हैं। इस साल घाघरा नदी ने दक्षिणी छोर पर कटान शुरू किया था। लेकिन बाद में कटान की रफ्तार धीमी हो गई। इसके बाद घाघरा नदी ने अपना रूख बदलकर उत्तरी छोर पर कटान शुरू कर दिया। घाघरा नदी के तट पर बसे कैरातीपुरवा गांव के चार मजरे इस समय कटान से प्रभावित हैं।

घाघरा नदी के दक्षिणी तट पर मिर्जापुर और भदई पुरवा में कटान की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है। जिसके बाद  बाढ़ खंड वालों ने बचाव कार्य का काम तेज कर दिया। मिर्जापुर और भदई पुरवा के आसपास बाढ़ वाले संभावित इलाकों में बोरियों की दीवार बनाकर बचाव कार्य किया जा रहा है।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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