राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। मानवाधिकार जन सेवा एसोसिएशन के द्वारा दिल्ली से संगठन की मजबूती के लिए डॉ बख्तियार अहमद को उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है उनके गृहजनपद देवरिया पहुचने पर जोरदार स्वागत हुआ वो सड़क दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश आवश्यक बैठक मे चले गए वहीं से सड़क मार्ग से वाराणसी गाज़ीपुर मऊ बलिया होते हुए कुण्डौली व मईल चौराहे पहुंचे जहाँ उनके चाहने वालों ने स्वागत किया मानवाधिकार के महत्त्व को समझाते हुए बकतयार ने बताया कि मानवाधिकार का उद्देश्य सामाजिक समस्याओं को हल करना विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गतिविधियों को बल देना मानवाधिकार का मुख्य उद्देश्य होता है,कार्यक्षेत्र के रूप में कृषि पर्यावरण शिक्षा मानवाधिकार स्वास्थ बाल विकास महिला संरक्षण हमारा एसोसिएशन सामाजिक गतिविधियों में पूरा सहयोग करता है।
किसी के साथ अन्याय अत्याचार शोषण के खिलाफ नया मुहिम जारी कर लोगों को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करता है हमारे एसोसिएशन का उद्देश्य शासनिक प्रशासनिक लीगली सोशली चारों प्रकार से हेल्प करता है । हमारे एसोसिएशन के माध्यम से लोगों को जागरूकता अभियान एवं प्रशिक्षण केंद्र जैसे सिलाई ब्यूटी पार्लर मेडिकल कैंप हेल्थ कैंप वृक्षारोपण ऐसे कई प्रकार के प्रशिक्षण संगठन के माध्यम से दिया जाता है। हमारा लक्ष्य है पूरा उत्तर प्रदेश में हर जिले में टीम गठित कर लोगों को मानवाधिकार का महत्व को बताया जाए ताकि किसी के साथ अन्याय अत्याचार ना हो ,और एक मजबूत संगठन के साथ मिलकर कार्य को एक नया स्वरूप दिया जा सके।
इस उपलब्ध पर बख्तियार अहमद के पिता जनाब इस्तखार अहमद, जिलाध्यक्ष अज़हरुद्दीन, संगठन मंत्री मनीष यादव ग्राम प्रधान अंगद यादव उर्फ पारुल यादव जिला महासचिव गजेन्द्र तिवारी, जिला प्रभारी राकेश यादव, प्रिंस कुमार यादव, ओमप्रकाश प्रसाद, वसीम अहमद लारी, बबलू यादव, कन्हैया लाल श्रीवास्त, सोशल मनोज कुमार सिंह, तन्मय श्रीवास्तव मेराज अहमद लारी, अंकित कुमार सिंह, अमन कुमार सिंह, गुलाम याहिया, अबरार अहमद ,मुहम्मद इकबाल,सुधीर कुशवाहा, गुफरान अली ऋतिक कुमार सिंह, मकसूदन विश्वकर्मा, गुलाम हुसैन, फैज़ान अहमद, रैहान फ़ज़ल,गुड्डन श्रीवास्तव, जुमेल अहमद उर्फ मोनू,एजाज अहमद ज्ञानचल कुमार, साहेब हुसैन, परवेज अन्सारी, महताब आलम, विवेक यादव ने स्वागत करते हुए प्रशंता जाहिर की।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."