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November 22, 2024 7:53 pm

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यूपी के नवाबी खानदान मे पैदा हुई थी ऐश्वर्या राय की रील लाइफ दादी पद्मश्री “जोहरा सहगल”; जानते हैं कुछ अनकही बातें

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

फिल्म हम दिल दे चुके सनम में ऐश्वर्या राय की दादी का रोल निभाने वाली अभिनेत्री जोहरा सहगल (Zohra Sehgal) भारतीय सिनेमा जगत में एक ऐसा नाम, जिसे शायद ही कोई कला प्रेमी नहीं जानता होगा।

जोहरा सहगल को भारत की पहली महिला अभिनेत्री और नर्तकी माना जाता है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली थी। 10 जून 2014 में एक्ट्रेस 102 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहकर चली गई।

लेकिन जोहरा सहगल जब तक जीवित रहीं उनकी उम्र भारतीय सिनेमा से एक साल ज्यादा रही। जोहरा सहगल को भारत की पहली महिला अभिनेत्री माना जाता है।

यूपी के रामपुरा में हुआ था जोहरा का जन्म

जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक पारंपरिक मुस्लिम परिवार में हुआ था। जोहरा सहगल की मां का निधन उस वक्त हुआ जब जोहरा काफी छोटी थी। जोहरा ने अपनी पढ़ाई क्वीन मेरी कॉलेज, लाहौर से की है। 1930 में जोहरा यूरोप चली गईं। जोहरा ने यूरोप जाने के बाद जर्मनी के ड्रेसडेन में मैरी विगमैन के बैले स्कूल में दाखिला लिया। ऐसा करने वाली जोहरा सहगल पहली भारतीय बनीं। मैरी विगमैन के बैले स्कूल में जोहरा ने तीन सालों के लिए मॉडर्न डांस की पढ़ाई की।

शादी पर हुआ विवाद

जर्मनी में पढ़ाई पूरी करने के बाद जौहरा देश लौट आईं और अल्मोड़ा स्थित स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। यहीं उनकी मुलाकात हुई कमलेश्वर सहगल से। जो कि इंदौर के रहने वाले वैज्ञानिक थे। उन्हें पेटिंग, और भारतीय नृत्य का भी शौक था। जोहरा और कमलेश्वर ने शादी कर ली।

जोहरा के पति उनसे उम्र में आठ साल छोटे थे। जोहरा और कमलेश्वर की शादी तमाम लोगों को रास न आई। हालात दंगे जैसे बन गए थे लेकिन, बाद में सब मान गए।

पृथ्वी थिएटर से की करियर की शुरुआत

भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद जोहरा बॉम्बे शिफ्ट हो गईं, जहां उनकी बहन उज़रा बट पहले से पृथ्वी थिएटर के साथ काम कर रहीं थी। जोहरा सहगल भी 1945 में एक अभिनेत्री के रूप में पृथ्वी थिएटर से जुड़ीं।

1945 से 1959 तक जोहरा भारत के सभी प्रमुख शहरों का पृथ्वी थिएटर की अभिनेत्री के तौर पर दौरा किया। उन्हें 400 रुपये मासिक वेतन मिलता था।

जोहरा सहगल ने कई हिंदी फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी भी की, जिनमें गुरु दत्त की बाजी (1951) और राज कपूर की फिल्म आवारा में ड्रीम सीक्वेंस शामिल हैं।

आखिरी बार जोहरा सहगल साल 2007 में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘सांवरिया’ में नजर आई थीं। साल 2010 में भारत सरकार ने जोहरा सहगल को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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