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November 23, 2024 2:03 am

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जहांगीरपुरी दंगा ; छतों पर कूद कूद कर महिलाओं ने किया वार तो बच्चों ने भी लिया दंगाइयों में हिस्सा

22 पाठकों ने अब तक पढा

परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट

शनिवार शाम को जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जंयती की शोभा यात्रा पर एक विशेष समुदाय के व्यक्तियों, महिलाओं और बच्चों ने अपने अपने घरों की छतों और सड़क पर गुट बनाकर अचानक से पत्थराव,गोली व धारदार हथियारों से हमला करके दर्जनों लोगों व पुलिस वालों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना में कुछ दुकानों को भी लूट लिया गया। उपद्रवी अपनी बंगाली भाषा में एक दूसरे को निर्देश देकर उपद्रव करते नजर आ रहे थे। करीब एक घंटे तक उपद्रवियों ने शोभा यात्रा में शामिल श्रद्वालुओं पर हमला किया था।

घटना के वीडियो में श्रद्धालु खुद को बचाने की कोशिश करते नजर आए थे, लेकिन जब उनको लगा की वो नहीं बच पाएंगे। उसके बाद उन्होंने उपद्रवियों द्वारा फैंके पत्थर ही उनकी तरफ फैंकने शुरू कर दिये। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन राजीव रंजन के बयान पर दस बजकर 40 मिनट पर एक एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें आईपीसी की धारा 147/148/149/186/353/322/307/323/427/436/27 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

घटना की कहानी इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन राजीव रंजन की जुबानी

इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन राजीव रंजन ने एफआईआर में दिये बयान में बताया कि “मैं अपनी पुलिस टीम के साथ हनुमान शोभा यात्रा में तैनात था। हर स्थिति पर नजर बनाए हुए था। शोभा यात्रा पूरी तरह से शांतिपूर्वक चल रही थी। शाम सवा चार बजे शोभा यात्रा ई ब्लॉक जहांगीरपुरी से शुरू हुई थी व बाबू जगजीवन अस्पताल रोड के ब्लॉक,बीसी मार्किट,कौशल चौक, जी ब्लॉक,मंगल बाजार रोड महेन्द्रा पार्क,एक वन मोटर्स मंगल बाजार रोड महेन्द्रा पार्क पर समाप्त होनी थी।

शोभा यात्रा पूरी तरह से शांतिपूर्वक तरीके से चल रही थी। लेकिन जब शोभा यात्रा शाम करीब छह बजे पर सी ब्लॉक जामा मस्जिद के पास पहुंची। एक युवक अंसार अपने चार पांच साथियों के साथ आया और शोभा यात्रा में शामिल लोगों से बहसबाजी करने लगा। बहसबाजी ज्यादा होने पर दोनों तरफ से पत्थराव शुरू हो गया,जिसके कारण शोभा यात्रा में भगदड़ मच गई। उन्होंने अपनी टीम के साथ दोनों पक्षों को काफी मशक्कत के बाद समझाकर अलग-अलग करके शांति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर बाद अचानक से दोनों पक्षों में दोबारा से बहसबाजी और पत्थराव शुरू हो गया था।

हालात बिगड़ते देखकर उन्होंने कंट्रोल रूम में मामले की जानकारी देकर पुलिस बल को तुरंत बुलाया। आला अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर शांति बनाए रखने के लिये कई बार लोगों से अपील की थी। लेकिन एक पक्ष द्वारा कहने के बावजूद पत्थराव किया जा रहा था। बेकाबू हो चुके हालत पर काबू करने के लिये 40 से 50 टीयर शैलस छोड़े गए। लोगों को तितर बितर किया गया। इस बीच पत्थराव कर रहे एक पक्ष की तरफ से पत्थराव के बीच गोली चलने लगी।

एक गोली सब इंस्पेक्टर मेघा लाल के बायें हाथ में लगी। 6-7 पुलिसकमियों और एक युवक को भी काफी चोट लगी। उपद्रवी भीड़ ने इस बीच एक स्कूटी को आग के हवाले कर दिया। चार से पांच खड़ी गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त किया गया। जो इस कदर शोभा यात्रा पर कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा पथराव कर के गन फायरिंग करके सांप्रदायिक दंगे किये गए। शांति भंग की गई तथा प्राईवेट प्रॉपर्टी को आगजनी करके पुलिस व लोगों को चोट पहुंचाई।

ये लोग उपद्रवियों का हुए शिकार

इंस्पेक्टर राजीव रंजन, सब इंस्पेक्टर मेघा लाल, एएसआई ब्रिज भूषण,एएसआई अरुण कुमार, हेड कांस्टेबल प्रीतम सिंह, हेड कांस्टेबल दिनेश, कांस्टेबल दीपक कुमार, कांस्टेबल सुमन कुमार और एक नागरिक उमा शंकर। इन सभी लोगों के हाथ, पैर, चेहरे, नाक, पेट व पीठ पर चोटें लगी थी। इन सभी का उपचार बाबू जगजीवन राम अस्पताल में करवाया गया था।

पुलिस के आला अधिकारियों ने सभी से मुलाकात की और उनको उनकी डयूटी पर जान पर खेलकर शांति बनाने की कोशिश की सरहाना की। पुलिस ने सभी से दंगे के वक्त की जानकारी ली। उनके बयानों को भी नोट करवाया गया था।

दंगे का मास्टर माइंड

इस हिंसा में पुलिस सूत्रों का कहना है कि दंगा की शुरूआत अंसार ने ही की थी। जब विवाद हुआ तो वह अपने साथियों के साथ कुछ ही कदमों की दूरी पर स्थिति एक ठेके की दुकान में जबरन साथियों के साथ घुस गया और वहां से शराब की बोतलों को लूटा। दुकान के कर्मचारियों व गार्ड के विरोध करने पर उसने उनको धमकी दी। जिसके बाद बोतलों को लेकर श्रद्धालुओं पर फैंकना शुरू किया। उसके बाद सड़कों पर पड़ी ईंट व पत्थर फैंकने शुरू कर दिये। पुलिस को सड़कों पर बोतलों के टुकड़ों का ढेर पड़ा मिला है। पुलिस ठेका मालिक व कर्मचारियों के भी बयान दर्ज कर रही है। ठेके में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी फुटेज को कब्जे में लिया है।

खुद को दुकान में बंद कर घरवालों को दी थी हिंसा की खबर

कर्मचारियों ने हिंसा देखकर किसी तरह से अपनी दुकान का शटर बंद करके खुद को अंदर बंद कर लिया। जिसके बाद मालिक व मैनेजर आदी को मामले की जानकारी दी गई। उन्होंने अपने परिवार वालों को भी फोन करके हिंसा होने की जानकारी दी। आधे से पौन घंटे तक उन्होंने खुद को अंदर ही बंद रखा था। जब पुलिस बल आया और दंगाईयों को हटाया गया तब जाकर वह दुकान से बाहर निकले।

दंगा की जगह पर बोतलें, पत्थर, जूता चप्पल ही नजर आए

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंगे वाली जगह पर पुलिस को सबसे ज्यादा शराब की बोतलों के टूकड़े और पत्थर ही मिले हैं। इसके अलावा जूते चप्पल,कपड़े भी मिले हैं। जिनको साक्ष्य के तौर पर जब्त किया गया है, लेकिन एक ही जगह पर इतने सारे ईंट पत्थर कहां से आए। जांच टीमें भी हैरान हैं। जिससे दंगा सुनियोजित होने का शक जाहिर हो रहा है।

क्या हिंसा करने के बाद दंगाई हुए फरार !

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा करने के बाद जिस तेजी से पुलिस की जांच शुरू हुई है और दंगाईयों को पकड़ा जा रहा है। उससे दंगाई पकड़े जाने के डर से अपने अपने घरों से फरार हो गए हैं। ऐसे दंगाईयों के परिवार वालों से पूछताछ कर उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। उनके मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगाकर उनकी लोकेशन को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में यह भी सामने आ रहा है कि कुछ दंगाई वहां के नहीं रहने वाले थे। जिनको पहचानने की कोशिश की जा रही है।

लोगों ने बताई दंगे की आंखों देखी

एच ब्लॉक के आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट विजय जिंदल

वह परिवार के साथ यहां पर काफी वर्षो से रह रहे हैं। लेकिन ऐसा दंगा कभी भी नहीं देखा। अगर कोई यह बोलता है कि हमने लोगों को बचाया तो वह शायद पूरी तरह से गलत बोल रहे है। क्योंकि वहां पर बचने की कोई जगह नहीं थी। हर तरफ से पथराव हो रहा था बस। काफी डरावना सीन था।

नवरंग निवासी जहांगीरपुरी

यहां मैं अपने परिवार के साथ सन 76 से रह रहा हूं। कभी भी ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन पिछले दो से तीन सालों में यहां के हालत पूरी तरह से बदल गए हैं। बाहरी लोग यहां आकर बस गए हैं। जिससे कई प्रकार का अपराध बड़ा है। लोगों के पास पिस्टल तलवारे देखी गई है। दंगाई शोभा यात्रा को पूरी तरह से नष्ट कर लोगों को भी खत्म करना चाहते थे। लोगों को बचने की जगह तक नहीं मिल रही थी।

जहांगीरपुरी के विष्णु

कोविड में बिना किसी जाति धर्म को देखकर हमने खाना दिया, उनकी मजबूरियों को देखकर हर प्रकार की सहायता करने की कोशिश की थी। भाई चारा बनाने की कोशिश की थी, लेकिन दंगाईयों ने जो किया है वो सोचने पर मजबूर कर रहा है। उनको सजा तो जरूर मिलनी चाहिए। ये कुछ ही लोग हैं, जो अपनी युवा पीढ़ियों को बढ़ने से पहले ही नरक में धकेलने की कोशिश कर रही है।

जयराम-जहांगीरपुरी

कश्मीर में जैसा होता था वैसा यहां पर देखा हमने, तलवार,लोहे की रोड,बड़े बड़े चाकू लहराते हुए दंगाईयों को देखा,वो अपने धर्म के नारे लगाकर दहशत मचाने की कोशिश कर रहे थे। जिनमें नाबालिग भी मौजूद थे। उनको देखकर बस डर ही लग रहा था। घरों की बेटियां व महिलाएं कांप रही थी और जल्द से जल्द दंगा बंद होने की प्रार्थना कर रही थी।

राजेन्द्र यादव-जहांगीरपुरी

कश्मीर में ही लड़कियों को पत्थरबाजी करते हुए देखा था,लेकिन अब अपने ब्लॉक में भी देख लिया। उनको किसने बोला था ऐसा करने के लिये पुलिस को जरूर जांच करनी चाहिए,उनकी छतों पर ईंट पत्थर कहां से और कब पहुंचे,किसी को नहीं पता लगा,लेकिन दंगा सुनियोजित था यह पक्का हो गया है।

कपिल मिश्रा ने किया खुलासा

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर पत्थरबाजी और गोली चलवाकर दंगे फैलाने के मास्टरमाइंड मोहम्मद अंसार को लेकर भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने बड़ा खुलासा किया है।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने मोहम्मद अंसार का कनेक्शन दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड और आरोपी ताहिर हुसैन , ख़ालिद सैफी और उमर खालिद से बताया है। साथ ही कपिल मिश्रा ने यह भी कहा CAA के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में मोहम्मद अंसार जहांगीरपुरी से भीड़ इकट्ठा कर शाहीन बाग पहुंचाने का काम करता था।

कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा की “जहाँगीर पूरी से जितने दंगाई पकड़े जा रहे है ये सब लोग दिल्ली दंगो और शाहीन बाग में शामिल थे। मुख्य अपराधी अंसार, यहां से औरतों को सड़कें बंद करवाने के लिए लेकर सीलमपुर, जफराबाद, शाहीन बाग़ जाता था। इसके कनेक्शन ताहिर हुसैन, खालिद सैफी, उमर खालिद सबसे रहे हैं।”

बीते 16 अप्रैल को कपिल मिश्रा ने यह भी कहा था कि “जुलूस पर पथराव एक आतंकवादी हमला था। सभी अवैद्य प्रवासियों के कागज़ात की जांच की जानी चाहिए और उन्हें तुरंत निकाला जाना चाहिए। हनुमान जन्मोत्सव पर निकाले जा रहे शोभायात्रा पर पथराव एक संयोग नहीं बल्कि एक प्रयोग था।”

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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