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November 23, 2024 1:14 pm

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सरकारी अस्पताल में अनियमितता का फायदा मिल रहा है दलालों को, हैरतअंगेज मामला

19 पाठकों ने अब तक पढा

मुरारी पासवान की रिपोर्ट

गढ़वा : सदर अस्पताल में दलालों का बोलबाला है। चिकित्साकर्मियों की मिलीभगत से ऐसे दलालों की चांदी कट रही है। सदर अस्पताल में भर्ती भोलेभाले मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में पहुंचा देना ऐसे दलालों की हर रोज की कारगुजारी है। ऐसे दलाल सरकारी अस्पतालों में इलाज में लापरवाही बरते जाने का फायदा उठाकर मरीजों का हमदर्द बनकर उन्हें आसानी से झांसे में ले लेते हैं। लेकिन इन पर रोक लगाने में अस्पताल प्रबंधन विफल साबित हुआ है।

बुधवार को भी सदर अस्पताल में ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है। एक महिला ने प्रसव कक्ष में भर्ती विलुप्तप्राय कोरवा जनजाति की महिला को ठगी का शिकार बना दिया। जबकि पूरे मामले में ड्यूटी में मौजूद ए ग्रेड नर्स एमेल्दा तिग्गा तमाशाबीन बनी रही। मरीज से अल्ट्रासाउंड कराने तथा निजी अस्पताल में नार्मल डिलेवरी करा देने के नाम पर 14 सौ रुपये की ठगी कर ली।

क्या है मामला

मंगलवार की देर रात में चिनियां थाना क्षेत्र के कठौतिया गांव निवासी देवबलि कोरवा की पत्नी समता देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला के स्वजनों की मानें तो रात में मरीज को किसी तरह का इलाज मुहैय्या नहीं कराया गया। सिर्फ ड्यूटी में मौजूद नर्स ने सुबह में गाइनी चिकित्सक को दिखाने तथा पुराने अस्पताल भवन में अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी थी। लेकिन बुधवार की सुबह करीब 9:30 बजे प्रसव कक्ष में एक महिला ने मरीज के स्वजनों को यह कह कर अपने झांसे में ले लिया कि सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं होता है। वह मरीज व स्वजनों को सदर अस्पताल परिसर से बाहर लेकर चली गई। बाहर अल्ट्रासाउंड के नाम पर आठ सौ रुपये लिया गया। फिर मरीज व स्वजनों को आटो में बैठाकर टंडवा में एक निजी अस्पताल में ले जाने लगी। इस दौरान आटो चालक ने कचहरी रोड में किसी निजी अस्पताल में चलने की बात करने लगा। तब उक्त महिला दलाल व आटो चालक में हल्की नोकझोंक भी हुई। फिर महिला के कहने पर टंडवा के निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां उनसे सिजेरियन आपरेशन कराने में 40 से 50 हजार रुपये की व्यवस्था करने को कहा गया। मरीज के स्वजनों ने गरीबी का हवाला दिया तो उनसे तीन सौ रुपये लेकर फिर सदर अस्पताल में जाने को कह दिया। इस बीच आटो चालक ने भी तीन सौ रुपये ऐंठ लिया।

पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इस मामले में ड्यूटी में मौजूद नर्स की भी भूमिका की जांच होगी। जो भी दोषी होंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। डा. कमलेश कुमार, सिविल सर्जन, गढ़वा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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