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November 5, 2024 4:05 pm

अकेले दम पर 10 हजार किलोमीटर की यात्रा कर किया मतदाताओं को जागरूक

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज। मतदाता जागरूकता और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए हर चुनाव में शासन-प्रशासन पानी की तरह पैसा बहाता है। मतदान प्रतिशत पर इसका कितना असर पड़ता है हम सभी जानते हैं पर एक अकेले व्यक्ति ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए 44 दिनों में 75 जिलों का दौरा कर डाला। अकेले दम पर 10 हजार किलोमीटर की यात्रा की 10 हजार मतदाताओं को जागरूक कर एक संदेश देने की कोशिश की है कि व्यक्ति अगर ठान ले तो कुछ भी कर सकता है।

प्रथम चरण में आगरा से की थी शुरुआत

इस जागरूकता की मुहिम चलाने वाले हैं इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता शीतला प्रसाद गौड़ ‘शीतल’। मूलत: जौनपुर के सुजानगंज के रहने वाले हैं। शीतला प्रसाद ने प्रथम चरण से इसकी शुरुआत आगरा से की थी। इसके बाद हर चरण में जिन-जिन जिलों में मतदान होना था उन जिलों के कचहरियों में जाकर अधिवक्ता समाज व कचहरी आने वाले लोगों को सभाओं के माध्यम से जागरूक करने का काम किया।

एडवोकेट शीतल ने बताया कि उनका मकसद सिर्फ मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करना था। हमने अपना काम किया और परिणाम की चिंता नहीं की। हमने पहले चरण और दूसरे चरण के 20 जिलों को एक साथ कवर किया। कचहरियों में अधिवक्ताओं के साथ बैठकें कीं। उनको मतदान का महत्व बताया और अधिक से अधिक मतदान में शरीक होने को जाकरूक किया।

किसी राजनीतिक दल का नहीं किया प्रचार

शीतल ने बताया कि हमने सिर्फ सुशासन, भयमुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण के लिए वोट करने की अपील की। हमने किसी भी बैठक में किसी भी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया। बस, मतदान के प्रति लोगों को जागरूक और प्रेरित किया। इस काम में हमारी अधिवक्ता परिषद ने मदद की।

शीतल का कहना है कह अधिवक्ता होने के कारण समाज में एक विस्वास है।अधिवक्ता भी समाज का ओपिनियन मेकर और ट्रेंड सेटर है। ऐसे में एक अधिवक्ता की बात और अपील का समाज पर असर होता है। यही सोचकर अधिवक्ताओं से खुद मतदान करने और अपने आसपास के लोगों जागरूक करने की अपील की गई। इसका असर भी देखने को मिला। लोगों ने मतदान के अपनी फोटो भी हमसे शेयर की।

2019 के लोकसभा चुनाव में भी चलाया था अभियान

शाीतल ने 2019 लोकसभा चुनाव में भी युवाओं को जागरूक करने का काम किया था। इसका मकसद था युवाओं को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक करना।

शीतल का कहना है कि अगर युवा अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक हो जाए तो समाज की आधी बुराई अपने आप खत्म हो जाएगी। यही सोचकर युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का काम किया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."