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गढ़वाझारखंड

विद्यालयों में एक से लेकर 17 साल के बच्चों को कृमि से बचाने को लेकर  एल्बेंडाजोल की खिलाई गई 

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मुरारी पासवान की रिपोर्ट

खरौंधी : प्रखंड के सभी कोटि के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कृमि से बचाने को लेकर एक वर्ष से 17 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीआरसी में अल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध कराई गई थी। जहां से प्रखंड के सभी 60 सरकारी विद्यालयों में दवाएं भेजी गई थी । यह दवा बच्चों को पेट में कीड़ा मारने के लिए दी जाती है।

कोरोना काल में स्कूलों के लगातार लंबे समय से बंद रहने के कारण अल्बेंडाजोल का वितरण स्कूलों में नहीं हो रहा था। स्कूल खुलने पर इसकी शुरुआत की गई है। यह दवा बच्चों को छह माह के अंतराल पर दी जाती है। इसके लिए स्कूलों में व्यवस्था की गई थी। स्कूल के शिक्षक व शिक्षिकाओं ने अपने सामने बच्चों को गोली खिलाई।

निर्धारित मात्रा में दी गई दवा 

विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बच्चों आयु के अनुसार निर्धारित मात्रा में बच्चों को कृमि का दवा खिलाई गई। एक से दो वर्ष तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली, दो से तीन वर्ष तक के बच्चों को अल्वेंडाजोल की पूरी गोली खिलाई गई। तीन वर्ष से 17 वर्ष तक के बच्चों अल्वेंडाजोल की एक गोली चबाकर खिलावाया गया। दवा खिलाने के बाद बच्चों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा गया।

बीईईओ राकेश कुमार ने कहा कि अल्बेंडाजोल की टैबलेट से बच्चों के पेट में पलने वाले कीड़ा का नाश होता है। इस दवा को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को पानी के साथ निगल जाना है लेकिन बड़े बच्चों को यह दबा चबा कर खानी है।

बीस सूत्री अध्यक्ष राजेश कुमार रजक,विधायक प्रतिनिधि ऊपेंद्र दास ने कहा कि सरकार की यह पहल काफी सराहनीय है। अधिकतर बच्चे के अभिभावक बच्चों को समय पर कृमि की दवा नहीं दे पाते हैं लेकिन सरकार के द्वारा स्कूल, आंगनबाड़ी एवं अन्य संसाधनों का उपयोग कर नि:शुल्क दवा दिए जाने से भारत देश के नौनिहाल स्वस्थ रहेंगे। इस दवा का सेवन नहीं करने से पेट में कृमि हो जाते हैं जिससे बच्चों में खून की कमी एवं कुपोषण का शिकार हो जाते हैं जिससे उनका संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास रुक जाता है। जिन विद्यालयों में बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई उनमें जमा दो उच्य विद्यालय राजी,परियोजना उच्य विद्यालय तोरेलावा,उच्च विद्यालय भलुही, एनपीएस बनरिया टोला, एनपीएस चिनिमाही, उ0 एमस चंदनी, कोसलीबार, उच्य विद्यालय अमरोरा, सूंडी, सिसरी,अरंगी, मझिगावां आदि सहित अन्य विद्यालयों के नाम शामिल हैं। इस अवसर पर शिक्षक मोतीचंद जयसवाल,अमरेश कुमार राम,गोविंद उरांव आदि सहित संबंधित विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को दवा खिलाने में योगदान दिया ।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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