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November 2, 2024 10:01 pm

“एग्जाम के पर्चा आउट बा, आयोग पर हमरा डाउट बा…का बा…” ; नेहा सिंह राठौर का यह गाना मजाक और संवेदना का मिश्रण है, सुनिए आप भी

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

भोजपुरी गायक नेहा सिंह राठौर का एक और चुनावी गीत आया है, ये गाना भी पहले के दो गानों की तरह वायरल हो गया है। नेहा सिंह राठौर ने इस भोजपुरी गाने में एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने इस गाने में अखलाक की लिंचिंग पर बात की है, गायों के हालात पर बात की है।

वहीं नेहा सिंह राठौर ने इस गाने में बेरोजगारी पर भी सवाल उठाए हैं। वहीं हाल में जो पेपर लीक हुआ था। उस पर भी नेहा सिंह राठौर ने सवाल उठाए हैं। भर्ती न निकालने पर भी तंज कसा है। नेहा सिंह राठौर ने यूट्यूब पर ये गाना करीब 10 लाख लोग  देख चुके हैं।

 

वहीं ट्विटर पर भी नेहा ने ये गाना शेयर किया है, उनके इस गाने पर भी कई लोग कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि इस गाने को और कितने पार्ट आएंगे, एक एक पार्ट दरबारी कवियों का कलेजा छलनी करता जा रहा है। सनी सिंह नाम के यूजर ने भी उनके गाने की भाषा की तारीफ की है। डॉ राहिला ने लिखा कि मुझे खुशी है कि आपने इलाहाबाद के स्‍टूटेंट्स की पीड़ा को ‘का-बा’ में दिखाया।

वहीं कई यूजर ने ये भी लिखा कि आप ऐसे ही लिखते रहो, जो जलते हैं उन्‍हें जलने दो। हालांकि कई लोगों ने नेहा सिंह राठौर को वीडियो में घेरने की भी कोशिश की है। कई ने उन्‍हें ट्रोल भी किया है। लेकिन ज्‍यादातर ने उनकी तारीफ ही की है। एक यूजर ने लिखा है कि मरणासन्न लोकभाषाओं के दौर में नेहा सिंह राठौर ने भोजपुरी को मुख्यधारा में ला दिया है। भोजपुरी से सर्वथा अनभिज्ञ लोग भी इस भाषा का आनंद ले रहे हैं। लोकभाषाओं में ऐसे रचनात्मक प्रयोग करने बहुत जरूरी हैं।

रवि किशन ने गाया था ‘यूपी में सब बा’ 

भोजपुरी गायक नेहा सिंह राठौर, भाजपा सांसद और अभिनेता रविकिशन के ‘यूपी में सब बा’ के बाद ‘यूपी में का बा’ गाने के बाद चर्चा में आईं थीं। इसके बाद यूपी में योगी सरकार के खिलाफ घेरने के लिए विपक्ष ने भी उनके वायरल गाने का सहारा लिया। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में में ये गाना सुनते हुए नजर आए। नेहा सिंह राठौर ‘यूपी में का बा’ गाने के कारण सोशल मीडिया पर चर्चा में आईं तो ट्रोल भी हुईं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."