“देवरिया के उधोपुर गांव में बकरीद की नमाज के बाद एक बुजुर्ग ने खुद पर चाकू चलाकर अल्लाह के नाम अपनी कुर्बानी दे दी। मरने से पहले लिखी चिट्ठी ने सबको हैरान कर दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
देवरिया — उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक अजीबो-गरीब और दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। बकरीद के पावन पर्व पर, जब लोग अपने-अपने जानवरों की कुर्बानी देकर अल्लाह से रहमत की दुआ मांग रहे थे, उसी वक्त देवरिया के गौरीबाजार थानाक्षेत्र स्थित उधोपुर गांव में एक बुजुर्ग ने खुद पर ही चाकू चला कर अपनी कुर्बानी दे दी।
नमाज के बाद लिया आत्मबलिदान का निर्णय
शनिवार सुबह, 65 वर्षीय ईश मोहम्मद ने मस्जिद में बकरीद की नमाज अदा की और घर लौटते ही सीधे अपने कमरे में चले गए। थोड़ी ही देर बाद कमरे से कराहने की आवाजें सुनकर परिजन वहां पहुंचे तो देखा कि वह खून से लथपथ हालत में पड़े हैं। उनके गले से गहरा घाव था और पास में ही जानवरों की कुर्बानी में इस्तेमाल होने वाला चाकू पड़ा था।
अल्लाह के नाम लिखी चिट्ठी ने सबको किया हैरान
ईश मोहम्मद के पास से एक चिट्ठी भी बरामद हुई, जिसे उन्होंने मरने से पहले लिखा था। उसमें लिखा था—
“इंसान बकरे को पाल-पोसकर कुर्बानी करता है, लेकिन मैं खुद को अल्लाह और रसूल के नाम पर कुर्बान कर रहा हूं।”
इस चिट्ठी ने पूरे गांव को हैरानी में डाल दिया। यह आत्मघाती निर्णय बुजुर्ग ने किसी भी पारिवारिक कलह या दबाव में नहीं, बल्कि धार्मिक भावना के चलते लिया—ऐसा प्रथम दृष्टया माना जा रहा है।
दरगाह से लौटने के बाद हुई मनःस्थिति में तब्दीली?
परिवार वालों के अनुसार, ईश मोहम्मद एक दिन पहले अंबेडकर नगर में सुल्तान सैयद मकदूम अशरफ शाह की दरगाह से लौटे थे। उनका स्वभाव बेहद धार्मिक था और वह अक्सर दरगाहों पर जाकर इबादत किया करते थे। पत्नी हाजरा खातून ने बताया कि नमाज के बाद उन्होंने किसी से बातचीत नहीं की और सीधे कमरे में चले गए थे।
अस्पताल ले जाने पर भी नहीं बची जान
परिजन उन्हें तुरंत देवरिया जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
गांव में शोक, प्रशासन भी हैरत में
इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है। परिजन सदमे में हैं और गांववाले अब भी विश्वास नहीं कर पा रहे कि कोई व्यक्ति इतनी गहरी आस्था में डूबकर अपनी जान भी कुर्बान कर सकता है। प्रशासन भी इस असामान्य घटना की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए हर पहलू से जांच कर रहा है।