
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ दौरे के दौरान ऐतिहासिक बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाजवादियों को इतिहास नहीं, जनहित के मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। भाजपा की तुलना हिटलर से करते हुए उन्होंने करणी सेना के प्रदर्शन पर भी तीखा हमला बोला।
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन और राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के बयानों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐतिहासिक विषयों पर चर्चा से बचना चाहिए, क्योंकि इतिहास में कई बातें ऐसी होती हैं जो सकारात्मकता नहीं लातीं।
उन्होंने यह भी कहा कि,
“रामजीलाल सुमन का बयान मैंने सुना नहीं है, लेकिन मैं यही कहूंगा कि ऐसे मुद्दों पर बात नहीं होनी चाहिए, जिससे समाज में भ्रम फैले। अगर इतिहास समय के साथ सकारात्मक दिशा नहीं दिखा सकता, तो उसे इतिहास ही रहने देना बेहतर है।”
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि,
“लोग गूगल और चैटजीपीटी पर जाकर इतिहास खोज रहे हैं, लेकिन समाजवादियों को इन विषयों पर उलझने की बजाय आज के ज्वलंत मुद्दों—जैसे नौकरी, आरक्षण, और बेरोजगारी—पर ध्यान देना चाहिए।”
इसके साथ ही उन्होंने आगरा में करणी सेना के प्रदर्शन को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा,
“अगर भाजपा 400 सीटें जीत जाती, तो रायफलें और तलवारें सड़कों पर नजर आतीं। जिस प्रकार का माहौल भाजपा बना रही है, वह हिटलर की याद दिलाता है। हिटलर भी अपने समर्थकों को वर्दी पहनाकर पुलिस जैसा दिखाता था, वैसे ही आज ये ‘सेनाएं’ भाजपा की ट्रूपर्स हैं।”
आजमगढ़ से खास जुड़ाव जताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब-जब लोकतंत्र संकट में आया है, तब-तब आजमगढ़ की जनता ने संविधान के पक्ष में खड़े होकर समाजवाद को समर्थन दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आजमगढ़ के विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं होगी और समाजवादी सपनों को साकार किया जाएगा।
उन्होंने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) परिवार की लड़ाई को मजबूत करने की बात करते हुए कहा, “हमने अंबेडकर जयंती पर जो संकल्प लिया है, उसके तहत हम प्रभुत्ववादी ताकतों से संघर्ष करते रहेंगे, ताकि सामाजिक न्याय की स्थापना हो सके।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘लैंड बैंक’ योजना पर भी तंज कसते हुए उन्होंने कहा,
“जो सरकार अब तक जमीन का रिकॉर्ड भी दुरुस्त नहीं कर सकी, वह निवेश कैसे ला पाएगी?”
कस्टोडियल डेथ की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए उन्होंने आजमगढ़ की एक घटना की ओर ध्यान दिलाया जिसमें थाने के बाथरूम में एक युवक की संदिग्ध मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो चिंताजनक है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर पर चल रही सियासत पर पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने कहा, “आज का समय ऐसा है कि कोई बात कहें तो उसके कई मायने निकाल लिए जाते हैं। भाजपा से लड़ाई आसान नहीं है, लेकिन हम जनता की ताकत से लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्षरत रहेंगे।”
अखिलेश यादव का आजमगढ़ दौरा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश से भी परिपूर्ण रहा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि समाजवादी पार्टी का फोकस ऐतिहासिक विवादों पर नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं पर है। आने वाले चुनावी माहौल में यह बयान भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।