
चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक के डोंडा माफी ग्राम पंचायत में लघु सिंचाई विभाग द्वारा तालाब के जीर्णोद्धार व गहरीकरण में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा। ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है मानक विहीन निर्माण कार्य।
चित्रकूट जिले में वर्षा जल संचयन को लेकर लघु सिंचाई विभाग द्वारा तालाबों के जीर्णोद्धार और गहरीकरण का कार्य चल रहा है। हालांकि, इसी योजना के तहत मानिकपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत डोंडा माफी में भ्रष्टाचार और मानकों की अनदेखी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
वास्तव में, इस तालाब की खुदाई और मरम्मत का कार्य पूर्णतः गुणवत्ता विहीन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ठेकेदार हेमराज सिंह पटेल और अवर अभियंता राजेंद्र पटेरिया की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। तालाब की गहराई नियमानुसार नहीं की गई, वहीं भीटों का निर्माण भी घटिया सामग्री से कराया गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि विभागीय अधिकारियों को इस धांधली की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। निरीक्षण की प्रक्रिया को जानबूझकर टाला गया, जिससे ठेकेदार को अपनी मनमानी करने का पूरा अवसर मिला।
बीते माह जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह द्वारा लघु सिंचाई विभाग के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया था। इस दौरान जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, इसके बावजूद विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है – क्या जिला प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, या फिर भ्रष्टाचार का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
अगर समय रहते जांच नहीं की गई, तो लघु सिंचाई विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य निर्माण कार्यों पर भी सवाल उठने लाजमी हैं। जांच से एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश होने की पूरी संभावना है।
➡️संजय सिंह राणा की रिपोर्ट