सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस हिंसा में शामिल कई फरार आरोपी पाकिस्तान की जेल में बंद मोहम्मद उस्मान से संपर्क में थे। उस्मान मूल रूप से संभल के दीपा सराय का रहने वाला है और वर्तमान में पाकिस्तान के लाहौर की जेल में बंद है। जांच एजेंसियों के अनुसार, उस्मान का संबंध आतंकी संगठन अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से रहा है और वह संगठन के प्रमुख मौलाना असीम उमर के संपर्क में था।
मोहम्मद उस्मान और AQIS कनेक्शन
मौलाना असीम उमर, AQIS का प्रमुख था, जिसे 2019 में अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में मार गिराया था। जांच एजेंसियों को शक है कि भारत से फरार होने के बाद उस्मान ने AQIS जॉइन कर लिया था और संभल के युवाओं को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश कर रहा था।
वर्ष 2024 में पाकिस्तान में एक मामले में गिरफ्तार होने के बाद से वह लाहौर जेल में बंद है, लेकिन उसने जेल से ही भारत में रह रहे संदिग्धों से संपर्क बनाए रखा था। पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में भारत के विदेश मंत्रालय को जानकारी दी है और मोहम्मद उस्मान की पहचान की पुष्टि के लिए दस्तावेज भेजे हैं।
संभल के दीपा सराय इलाके से कई लोग गायब
जांच में पता चला है कि संभल के दीपा सराय इलाके से कई लोग लापता हैं और खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि उनमें से कुछ आतंकी संगठन AQIS से जुड़े हुए हो सकते हैं।
पाकिस्तान की सरकार ने भारत को जानकारी दी है कि मोहम्मद उस्मान ने पाकिस्तान में गिरफ्तारी के दौरान भारत के कुछ सम्मानित व्यक्तियों के नाम बताए थे, जिनमें संभल के पूर्व सांसद सफी उर रहमान का नाम शामिल है।
संभल पुलिस का ऐक्शन: फरार आरोपियों की तलाश जारी
संभल हिंसा में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए संभल पुलिस ने फरार आरोपियों के पोस्टर जारी किए हैं। पुलिस का कहना है कि इन पोस्टरों को सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों की पहचान हो सके।
इसके अलावा, पुलिस ने हिंसा से जुड़े वीडियो की जांच शुरू कर दी है। जिन वीडियो में संदिग्धों की पहचान हो रही है, उनके आधार पर आरोपियों के पोस्टर जारी किए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, ज्यादातर आरोपी फिलहाल फरार हैं।
फेक वीडियो शेयर करने वाला गिरफ्तार
संभल हिंसा को लेकर फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले आरोपी मोमिन को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मोमिन हरियाणा के नूह जिले का रहने वाला है।
उसने यूट्यूब पर दिल्ली की जामा मस्जिद में तोड़फोड़ का एक फेक वीडियो शेयर किया था, जिससे हिंसा भड़क सकती थी।
पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि यह वीडियो हिंसा भड़काने के इरादे से गलत तरीके से प्रचारित किया गया था।
अब तक 75 दंगाई गिरफ्तार, कोई जमानत नहीं
संभल हिंसा मामले में अब तक 75 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों में से किसी को भी अब तक जमानत नहीं मिल पाई है।
क्या है जांच एजेंसियों का अगला कदम?
1. संभल हिंसा में फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।
2. पाकिस्तान से मिली जानकारी के आधार पर संभल पुलिस और खुफिया एजेंसियां गहन जांच में जुटी हुई हैं।
3. दीपा सराय इलाके में संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
4. सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो शेयर करने वालों की भी जांच जारी है।
इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि संभल हिंसा का एक अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन हो सकता है, और इसके पीछे आतंकी संगठन AQIS की भूमिका भी हो सकती है।
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