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महाकुंभ में महाजाम ; जरा सी जगह नहीं बची, प्रयागराज, अयोध्‍या और बनारस में तिल रखने की जगह नहीं बची

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ा, जिससे पूरे शहर में यातायात की स्थिति चरमरा गई। रविवार को अवकाश होने के कारण देशभर से लोग संगम में पुण्य स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे, लेकिन शहर की सीमाओं पर भीषण जाम ने उनकी यात्रा को कठिन बना दिया। स्थिति यह रही कि प्रयागराज में प्रवेश करने वाले लगभग सभी मार्गों पर हजारों की संख्या में वाहन फंसे रहे, और श्रद्धालु घंटों जाम में जूझते रहे।

प्रयागराज में आपातकाल जैसी स्थिति

लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, जौनपुर और मध्य प्रदेश के रीवा से प्रयागराज जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात ठप हो गया। लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज मार्ग पर 30 किलोमीटर लंबा जाम लगा, जहां गाड़ियां रेंगती रहीं। कई श्रद्धालु 15 घंटे से अधिक समय में भी प्रयागराज नहीं पहुंच सके। कौशांबी में 20,000 से अधिक वाहन जाम में फंस गए, वहीं रीवा से प्रयागराज जाने वाले मार्ग पर 25 किलोमीटर तक लंबा जाम रहा, जिसमें डेढ़ लाख से अधिक वाहन अटके हुए थे।

चित्रकूट में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, और प्रशासन को वाहनों को नियंत्रित करने के लिए हर 5 मिनट पर 10-10 गाड़ियों का काफिला छोड़ना पड़ा। बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे ने भी सख्त कदम उठाए। प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को यात्रियों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया, जिससे यात्री अन्य रेलवे स्टेशनों की ओर जाने को मजबूर हुए।

अखिलेश यादव का सरकार पर निशाना

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस अव्यवस्थित स्थिति पर योगी सरकार को घेरा। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रयागराज आने वाले सभी टोल टैक्स फ्री किए जाएं, जिससे वाहनों की आवाजाही में बाधा न आए और जाम की स्थिति में सुधार हो। उन्होंने सवाल उठाया कि जब फिल्मों को मनोरंजन कर से मुक्त किया जा सकता है, तो महाकुंभ जैसे महापर्व पर श्रद्धालुओं को कर मुक्त यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी जा रही? उन्होंने सरकार से आपातकालीन व्यवस्था लागू करने और तीर्थयात्रियों के लिए उचित भोजन-पानी की व्यवस्था करने की अपील की।

रविवार को 1.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से कहीं अधिक बढ़ गई। रविवार शाम आठ बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जबकि 13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में गंगा स्नान कर चुके हैं।

मेला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पांटून पुलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम क्षेत्र में जाने के बजाय अन्य घाटों पर स्नान करें।

काशी में भीड़, यात्री ट्रेन के इंजन में घुसे

महाकुंभ से लौटने वाली भीड़ के कारण वाराणसी में भी यातायात व्यवस्था चरमरा गई। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास तिल रखने की भी जगह नहीं रही। राजातालाब से मोहनसराय तक ढाई किलोमीटर की दूरी तय करने में बाइक सवारों को डेढ़ घंटे लगे। वाराणसी कैंट स्टेशन पर प्लेटफॉर्म पूरी तरह भर गए, जिससे यात्रियों को ट्रेन के इंजन में घुसने तक की नौबत आ गई। कई यात्रियों ने ट्रेन के इंजन रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया, ताकि भीड़ से बचकर यात्रा कर सकें।

अयोध्या में बालकराम के दर्शन के लिए लंबी कतारें

महाकुंभ की भीड़ के बीच कई श्रद्धालु अयोध्या में रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन के लिए पहुंचे। रविवार को रामनगरी में करीब 10 लाख श्रद्धालु पहुंचे, जिससे दर्शन करने वालों की लंबी कतारें लग गईं। 17 जगहों पर बैरिकेडिंग कर रूट डायवर्जन किया गया, फिर भी राम मंदिर के बाहर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 2-3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के अनुसार, माघी पूर्णिमा तक यहां 20 लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है।

तीर्थयात्रियों का त्रिकोणीय सफर: प्रयागराज, अयोध्या और काशी

इस बार कई श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा को त्रिकोणीय रूप दिया—पहले संगम में पुण्य स्नान, फिर अयोध्या में रामलला के दर्शन, और अंत में वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन। यही कारण था कि इन तीनों धार्मिक स्थलों के बीच की सड़कों पर भीषण जाम देखने को मिला।

प्रशासन की बड़ी चुनौती

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से कई गुना बढ़ने से प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती बन गया है। यातायात व्यवस्था चरमराने से आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सरकार और प्रशासन की ओर से यातायात सुचारू करने और व्यवस्थाओं को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की विशाल संख्या के आगे ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस भीषण भीड़ को संभालने के लिए क्या कदम उठाता है और क्या अखिलेश यादव की सलाह पर योगी सरकार टोल टैक्स फ्री करने का फैसला लेती है या नहीं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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