चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के मेहरबान पुरवा अभई गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। एक माँ द्वारा अपनी 9 माह की मासूम बच्ची को सेफ्टी टैंक में जिंदा दफन करने का मामला सामने आया, जिससे गांव में शोक और आक्रोश की लहर फैल गई। मासूम का नाम शगुन था, जिसे उसकी मां ने क्रूरता से मौत के घाट उतार दिया।
घटना की शुरुआत 28 और 29 सितंबर की रात से हुई। सीताराम गौतम के परिवार में सब लोग घर के अंदर सो रहे थे, जबकि उसकी बहू छत पर सो रही थी। आधी रात के समय बहू ने अपनी 9 माह की बच्ची शगुन को सेफ्टी टैंक में फेंक दिया और फिर नीचे आकर परिवार वालों को झूठ बोलकर बताया कि शगुन सोते-सोते गायब हो गई है और शायद उसे कोई जंगली जानवर उठा ले गया। यह सुनकर परिवार के लोग चिंता में आ गए और शगुन की तलाश शुरू कर दी।
बच्ची की दादी ने बताया कि घर के बाहर और पीछे की लाइटें हमेशा जलती थीं, लेकिन उस रात अंधेरा था, और सेफ्टी टैंक का ढक्कन भी हटा हुआ था। बहू की साड़ी जो कुर्सी पर रखी थी, वह घर के पीछे पड़ी मिली। परिवार ने पूरी रात शगुन को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। अगली सुबह, जब पुलिस ने पंपिंग सेट की मदद से सेफ्टी टैंक का पानी निकाला, तो शगुन का शव वहां से बरामद हुआ।
घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि शगुन की हत्या के पीछे उसकी मां ही थी। मां ने पति से फोन पर हुए विवाद के बाद गुस्से में आकर अपनी मासूम बेटी को सेफ्टी टैंक में फेंक दिया और बाद में जंगली जानवर द्वारा बच्ची को उठा ले जाने की झूठी कहानी गढ़ी। पुलिस की जांच के दौरान सच्चाई सामने आई, और पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।
यह घटना न केवल गोंडा जिले बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जहां पारिवारिक विवादों और मानसिक तनाव के चलते निर्दोष बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
Author: samachar
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