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November 22, 2024 10:57 am

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महिला बैंक अधिकारी की खुदकुशी ने आफिस के नियमों पर उठा दिए हैं कई सवाल

18 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

शिवानी गुप्ता, 27 वर्षीय महिला कर्मचारी, जो नोएडा के सेक्टर 128 स्थित एक्सिस हाउस में एक्सिस बैंक की शाखा और कॉर्पोरेट कार्यालय में बीते 9 महीने से कार्यरत थी, ने पिछले हफ्ते अपने गाजियाबाद के सिहानी गेट स्थित घर में खुदकुशी कर ली। 

12 जुलाई की शाम को करीब 4 बजे उसने जहर खा लिया, और इसके दो घंटे पहले उसे ऑफिस से नौकरी से निकालने का नोटिस मिला था।

शिवानी ने एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें उसने अपने सहकर्मियों द्वारा लगातार परेशान किए जाने की बात लिखी थी। 

उसके सहकर्मी उसकी तलाकशुदा स्थिति पर टिप्पणियां करते थे और उसे रोजाना “बंदरिया” और “पागल” कहकर बुलाते थे। शिवानी का कहना था कि उसके सहकर्मी उसकी मानसिक पीड़ा का मजाक उड़ाते थे, खासकर जब उसके हाथ कांपते थे। 

उसने इस उत्पीड़न की शिकायत अपने सेल्स मैनेजर और एरिया सेल्स मैनेजर से की, लेकिन उन्होंने उसकी शिकायतों को अनदेखा कर दिया और उसमें कमियां निकाल दीं।

शिवानी ने अपने नोट में छह सहकर्मियों के नाम का उल्लेख किया, जिनमें एक सेल्स मैनेजर और एक एरिया सेल्स मैनेजर भी शामिल थे। उसने बताया कि एक महिला सहकर्मी उसे अक्सर “बंदरिया” और “पागल” कहकर बुलाती थी और छोटी-छोटी बातों पर उससे झगड़ा करती थी।

पुलिस जांच में पाया गया कि शिवानी के साथ दो प्रमुख घटनाएं हुई थीं। पहली घटना 29 जून की थी, जब उसके सहकर्मी उससे झगड़ा कर रहे थे और उसे सफाई करने के लिए कहा गया था। 

दूसरी घटना 9 जुलाई की थी, जब एक सहकर्मी ने उसका हाथ इतनी जोर से पकड़ा कि उसका एक नाखून शिवानी की त्वचा में घुस गया और खून बहने लगा। जब शिवानी ने इस बारे में अपने अधिकारियों से शिकायत की, तो उन्होंने उसके खिलाफ़ ही कार्रवाई की।

शिवानी के भाई ने इन सहकर्मियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद गाजियाबाद के नंदग्राम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

एक्सिस बैंक के प्रवक्ता ने इस मामले पर कहा कि वे इस दुखद घटना से बहुत दुखी हैं और उनकी हार्दिक संवेदनाएं शिवानी के परिवार के साथ हैं। 

बैंक ने मामले की जांच के लिए एक निजी एजेंसी को नियुक्त किया है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि शिवानी के सुसाइड नोट में जिस महिला सहकर्मी को मुख्य उत्पीड़क बताया गया है, वह भी एक सहकर्मी है जो अक्सर उससे झगड़ा करती थी और उसे अपमानजनक नामों से बुलाती थी।

शिवानी के सुसाइड नोट में यह भी उल्लेख है कि उसने अपने परिवार को इस उत्पीड़न के बारे में नहीं बताया था क्योंकि वह उन्हें भी तनाव में नहीं देखना चाहती थी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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