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बृजभूषण शरण सिंह की मुसीबतें हैं कि कम होने का नाम नहीं… कोर्ट ने तय कर दिए आरोप… अब क्या होगा? 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

Brij Bhushan Sharan Singh: बीजेपी नेता और कैसरगंज सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह को आज बड़ा झटका लगा है। महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के मामलों का सामना कर रहे बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने आज आरोप तय कर दिए हैं। यह आदेश एसीएमएम प्रियंका राजपूत ने पारित किया है, जिसके चलते अब बृजभूषण के खिलाफ ट्रायल चलाया जाएगा।

बता दें कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट से लेकर ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत देश के कई पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोप लगाए थे और दिल्ली के जंतर-मंतर में काफी लंबे वक्त तक प्रदर्शन भी किया था।

BJP ने काट दिया है टिकट

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने को भी इस मामले में दखल देनी पड़ी थी, तब जाकर दिल्ली पुलिस ने सांसद बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से बृजभूषण को जमानत मिल गई थी, फिलहाल वे जमानत पर ही हैं। 

हालांकि बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया है और उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।

इतना ही नहीं, भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगा है। 

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कोर्ट को बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री मिली है। इस मामले में कोर्ट का कहना है कि बृजभूषण के खिलाफ प्रत्येक पीड़ित के संबंध में धारा 354 और 354ए के तहत आरोप तय किए गए हैं।

एक आरोप से किया गया बरी

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा है कि बृजभूषण को छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया है। 

जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ 15 जून को धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर (हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। 

इतना ही नहीं, बृजभूषण के साथ ही पुलिस ने इस मामले में WFI के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर को भी आरोपी बनाया था।

किस धारा में कितनी सजा है प्रावधान

धारा 354: धारा 354 की बात करें तो इसके तहत किसी भी आरोपीं को ज्यादा से ज्यादा पांच साल और कम से कम 1 साल की सजा हो सकती है। खास बात यह है कि इसे गैर जमानती अपराध बनाया गया है।

धारा 354(A): इस धारा के तहत दोषी को अधिकतम 3 साल या जुर्माना या दोनों देने पड़ सकते हैं। इसके अलावा न्ंयूनतम एक वर्ष की सजा और जुर्माना भी वसूला जा सकता है।

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धारा 506: इस धारा के तहत अपराधी को दो साल तक की सजा दी जा सकती है। या फिर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

धारा 354D: इसके तहत दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को तीन साल की न्यूनतम सजा हो सकती है, साथ ही उसे जुर्माना भी देना पड़ सकता है। वहीं अधिकतम जुर्माना 5 साल तक हो सकती है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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