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दुर्ग

धूल के बादल छंटे तो चीख और कराहने की आवाजें आने लगीं… .. बस हादसे की आंखों देखा सच

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हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मंगलवार को हुए बस हादसे को करीब से देखने वाले अभी भी दहशत में हैं। उनके लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है। कुम्हारी शहर के बाहरी इलाके में स्थित खपरी गांव के करीब एक ‘मुरम’ (लाल मिट्टी) खदान में बस के गिरने से मंगलवार को तीन महिलाओं सहित 12 लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य लोग घायल हुए थे। इस घटना में हताहत होने वाले एक डिस्टलरी कंपनी के कर्मचारी थे, जो काम के बाद घर लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, 30 से अधिक लोगों से भरी बस सड़क से फिसलकर लगभग 40 फुट गहरी खदान में गिर गई थी।

बुधवार दोपहर बस को बाहर निकाल लिया गया। घटनास्थल से कुछ दूरी पर किराने का दुकान चलाने वाली दिलेश्वरी साहू उन लोगों में से हैं, जो घटना के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची थीं। प्रत्यक्षदर्शी साहू (30) ने बताया कि मंगलवार की शाम को वह आम दिनों की तरह अपनी दुकान में व्यस्त थी। उन्होंने बताया कि रात करीब आठ बजकर 20 पर उन्हें तेज आवाज सुनाई दी।

गड्ढे से दिख रही थी धूल

उन्होंने बताया कि तेज आवाज को सुनकर वह आवाज वाली जगह की ओर भागी और सड़क से लगे बड़े गड्ढे में देखा। साहू ने बताया, ”मैं कुछ भी नहीं देख सकी क्योंकि रात थी और सड़क पर कोई रोशनी नहीं थी। मैंने जो देखा वह केवल गड्ढे से निकल रही धूल थी। मुझे धीरे-धीरे एहसास हुआ कि एक बड़ा वाहन गड्ढे में गिर गया है, लेकिन वह कौन सा वाहन है इसका अंदाजा नहीं लगा सकीं।’’

उन्होंने बताया, ”अचानक मुझे गड्ढे से चीखें सुनाई दीं। मैंने तत्काल अपने परिवार के सदस्यों को बुलाया और वहां से गुजरने वाले लोगों को भी रोका। राहगीरों में से एक ने पुलिस को सूचित किया और फोन करने के लगभग 15 मिनट के भीतर पुलिस पहुंच गई।” साहू ने बताया, ”कुछ देर बाद जब धूल के बादल छंटे तब तक लोग और पुलिस गड्ढे के भीतर उतरे। मैंने देखा कि लोग घायल हैं और खून से लथपथ हैं। उनमें से कुछ की मृत्यु हो गई थी।’’

दिल दलहा देने वाली थी घटना

उन्होंने बताया, ”यह दिल दहला देने वाली घटना थी। जब तक मैं जीवित हूं इस घटना को नहीं भूलूंगी।” सुबह दुर्घटना स्थल का दौरा करने के दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि उन्होंने बस के घायल चालक से बात की है। वाहन चालक ने बताया कि बस की हेडलाइट्स अचानक बंद हो गईं, जिससे उन्हें ब्रेक लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिसके बाद वाहन फिसल कर गहरे गड्ढे में गिर गया। वाहन चालक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर में भर्ती है।

शर्मा ने बताया कि बस के मालिक केडिया डिस्टिलरी कंपनी को इस सड़क का उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया है। वे जिस दूसरी सड़क का उपयोग करेंगे उसका रखरखाव कंपनी द्वारा ही किया जाएगा। अधिकारियों को मार्ग पर लाइट लगाने और सड़क के दोनों ओर बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि भारी वाहनों को क्षेत्र से गुजरने से रोकने के लिए सड़क पर बैरिकेडिंग भी की जाएगी।

मामले की जांच शुरू

नगर पुलिस अधीक्षक (छावनी क्षेत्र) हरीश पाटिल ने बताया कि बस दाहिनी ओर गिरी, जिससे अधिकांश मृतक वे लोग हैं जो वाहन की दाहिनी पंक्ति में बैठे थे। पाटिल ने बताया कि हादसे में बस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जिला प्रशासन ने मामले की दंडाधिकारी जांच शुरू कर दी है। वहीं परिवहन विभाग द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है।

एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि प्रशासन ने भिलाई-तीन क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) महेश राजपूत को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। राज्य के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी रविशंकर ने बताया कि उनके विभाग ने घटना के संबंध में जांच शुरू की है। उन्होंने बताया कि बस के पास फिटनेस प्रमाणपत्र था, जो इस साल जून तक वैध है। इसका बीमा भी किया गया है। रविशंकर ने कहा कि वाहन चालक बता पाएगा कि दुर्घटना किन परिस्थितियों में हुई और उससे पूछताछ की जाएगी।

उन्होंने बताया कि घटना की जांच कर रही सड़क सुरक्षा समिति में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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