दुर्ग(छत्तीसगढ़) में नशे में धुत युवकों ने पुलिस चौकी में घुसकर आरक्षकों से की मारपीट। सभी आरोपी प्रभावशाली परिवारों से जुड़े, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गिरफ्तार कर भेजा जेल।
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बेहद शर्मनाक और निंदनीय घटना सामने आई है, जिसने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, बुधवार देर रात अंजोरा पुलिस चौकी परिसर में कुछ नशे में धुत युवकों ने पुलिस के जवानों पर हमला कर दिया। यह घटना तब हुई जब एक आरक्षक ने युवकों को नियमों का पालन करने की समझाइश दी।
क्या है पूरा मामला?
घटना बुधवार रात करीब 10 बजे की है, जब आरक्षक प्रदीप कुर्रे अपनी ड्यूटी पर पहुंच ही रहे थे। उसी समय एक कार गलत दिशा से चौकी के पास पहुंची, जिसे रोककर प्रदीप ने युवकों को समझाइश दी और यह बताया कि वह पुलिस का जवान हैं। लेकिन बात मानने के बजाय, नशे में धुत युवकों ने आरक्षक प्रदीप पर हमला कर दिया।
इतना ही नहीं, जान बचाने के लिए जब प्रदीप कुर्रे चौकी की ओर भागे, तो युवक वहां भी नहीं रुके। उन्होंने चौकी परिसर में घुसकर दूसरे आरक्षक हीरेंद्र यादव को भी बेरहमी से पीटा और उनकी वर्दी तक फाड़ दी। यह घटना न केवल अनुशासन की अवहेलना है, बल्कि यह दर्शाती है कि नशे की हालत में कुछ युवक कानून को भी ठेंगे पर रखते हैं।
कौन हैं आरोपी युवक?
जांच में पता चला है कि हमलावर युवकों में से एक शहर के कुख्यात सटोरिए का बेटा है, जबकि अन्य चार युवक प्रभावशाली व्यवसायियों के बेटे हैं। इनका रुतबा और आर्थिक स्थिति चाहे जैसी भी हो, लेकिन पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए पांचों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की तत्परता और कड़ा एक्शन
पुलिस ने बिना किसी दबाव के आरोपियों को रात में ही कोर्ट में पेश किया और सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि अब कानून की पकड़ से कोई भी बच नहीं सकता — चाहे वह किसी प्रभावशाली घराने से ही क्यों न हो।
इस घटना का सामाजिक सन्देश
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। नशे की हालत में नियमों की अनदेखी और पुलिस से मारपीट जैसे अपराध अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। पुलिस प्रशासन का यह कदम न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि आने वाले समय में ऐसे असामाजिक तत्वों के लिए एक कड़ा संदेश भी है।