google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
जयपुर

राजस्‍थान के नए मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा… किन वजहों से मिली इतनी बड़ी जिम्‍मेदारी, जानें?

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

आनंद शर्मा की रिपोर्ट

राजस्‍थान के नए सीएम के नाम को लेकर काफी चर्चाएं चल रही थीं. कहा जा रहा था कि मध्‍यप्रदेश के मोहन यादव की ही तरह बीजेपी किसी नए नाम का ऐलान मुख्‍यमंत्री के तौर पर कर सकती है। 

लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल जीतने के बाद बीजेपी ने फाइनल के लिए तीन राज्यों में अपने कैप्टन की घोषणा कर दी है। 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से लोग बड़ी बेसब्री से राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए कैप्टन के नाम का इंतजार कर रहे हैं। 

बीजेपी ने मंगलवार को राजस्थान में भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री घोषित किया। इससे पहले सोमवार को मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव की घोषणा हुई। पार्टी ने करीब एक सप्ताह की मशक्कत के बाद छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरे विष्ण देव साय को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया था। 

इन तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के रूप में नया चेहरा देकर बीजेपी ने 2024 के चुनाव के लिए नई लकीर खींची है। खास बात है कि इन नामों के जरिये बीजेपी ने जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा है। 

पार्टी आलाकमान ने उम्मीदवारों के चयन में 2024 के चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे का भरोसा मजबूत रखे जाने को तवज्जो दी है। आइए जानते हैं कि ये तीनों किस तरह से पार्टी की रणनीति में फिट बैठते हैं।

राजस्थान : ब्राह्मण वोटर से पूरी हुई तिकड़ी

दो राज्यों में आदिवासी और यादव समुदाय से मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद बीजेपी ने राजस्थान से ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। इस बात के पहले सी कयास लग रहे थे कि दो राज्यों के बाद राज्सथान में बीजेपी की तरफ से सामान्य वर्ग का चेहरा आगे किया जा सकता है। 

सनातन के मुद्दे पर आक्रामक बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे के जरिये राजस्थान के साथ ही देशभर में एक संदेश देने की कोशिश की है। 

राजस्थान में ब्राह्मण वोटरों की संख्या 8 से 9 फीसदी के करीब है। संख्या की बात करें तो प्रदेश में ब्राह्मण की आबादी 85 लाख से अधिक है। ऐसे में यह आबादी प्रदेश की 50 सीटों पर सीधा असर डालती है। 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी ब्राह्मण हैं। इससे पहले राजस्थान की राजनीति में ब्राह्मण हाशिये पर रहे थे। हालांकि, इस बार बीजेपी ने 20 ब्राह्मणों को टिकट दिया था। 

राजस्थान के पहले सीएम हरिदेव जोशी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे थे। ऐसे में ब्राह्मण वोटरों कांग्रेस की तरफ से शिफ्ट हो गए थे। राम मंदिर आंदोलन के बाद ये धीरे-धीरे बीजेपी की तरफ शिफ्ट हुए। ऐसे में अब बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे को सीएम बनाकर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।

छत्तीसगढ़ : आदिवासी सीएम से तीन राज्यों पर नजर

बीजेपी को इस बार छत्तीसगढ़ में सत्ता में लाने में आदिवासी समुदाय ने अहम भूमिका अदा की है। राज्य में आदिवासी आबादी करीब 34 फीसदी है। राज्य में ओबीसी (41%) के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। 

राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 29 सीटों में बीजेपी ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में 2024 को देखते हुए इस आदिवासी गढ़ को बचाए रखने की चुनौती थी। इसलिए बीजेपी ने आदिवासी चेहरे विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया है। 

राज्य का पहले सीएम अजित जोगी भी आदिवासी समुदाय से आते थे। ऐसे में बीजेपी ने राज्य में दूसरा आदिवासी सीएम देकर बड़े हिस्से को संदेश दिया है। खास बात है कि छत्तीसगढ़ के जरिये पार्टी ने ओडिशा और झारखंड को भी साधने की कोशिश की है। 

झारखंड और ओडिशा में भी आदिवासी वोटर चुनाव में काफी अहम भूमिका अदा करते हैं। दोनों राज्यों में सत्ता से बाहर बीजेपी के लिए यह दांव काफी अहम माना जा रहा है। 2018 में छत्तीसगढ़ और झारखंड गंवाने के बाद पार्टी ने इस बार आदिवासी वोटरों को अपनी तरफ मजबूत करने की रणनीति अपनाई है।

मध्य प्रदेश : यादव के जरिये ओबीसी वोटरों पर नजर

बीजेपी अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए ओबीसी वोटरों को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। राज्य में ओबीसी वोटरों की संख्या करीब 52 फीसदी है। इसलिए पार्टी ने इस बार शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर मोहन यादव पर दांव खेला है। 

पार्टी ने ब्राह्मण राजेंद्र शुक्ला और दलित समुदाय से जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम देकर संतुलन बरकरार रखने की कोशिश की है। बीजेपी ने उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को कमान देकर यूपी और बिहार समेत अन्य राज्यों में यादव वोटरों को अपने पाले में करने के लिए बड़ा संदेश दिया है। 

मध्यप्रदेश में यादव सीएम के जरिये बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में लालू यादव को सीधे-सीधे चुनौती दी है। 

यूपी में यादवों की संख्या करीब 8 फीसदी मानी जाती है। ऐसे में ओबीसी की राजनीति में यादवों का दबदबा है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में पांव जमाने की कोशिश में जुटे अखिलेश यादव को झटका भी दिया है। यूपी के सुल्तानपुर में तो मोहन यादव की ससुराल भी है। 

खास बात है कि बीजेपी ने हिंदा हार्टलैंड के बड़े राज्यों में से एक मध्यप्रदेश से यादव के रूप में सीएम चेहरा देकर विपक्ष के जातीय जनगणना के दांव की धार को भी कुंद करने की कोशिश की है। पार्टी इसके जरिये ओबीसी वोटरों को संदेश देना चाहती है कि वह उनके खिलाफ नहीं है।

भजनलाल शर्मा सांगानेर से विधायक हैं और बीजेपी के महामंत्री हैं। विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया। भाजपा के टिकट पर जीते विधायकों ने उन्‍हें अपना नेता माना. पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से उन्‍हें चुना गया। विधायक दल की बैठक से पहले बड़े नेता पर्ववेक्षकों से मिले थे। 

भजनलाल शर्मा का निवास जयपुर के जवाहर सर्किल पर है। वह मूल रूप से भरतपुर के रहने वाले हैं। वह संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। वह प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया था। पिछले विधायक का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया था। 

97 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close