मुरारी पासवान की रिपोर्ट
झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस थाने में 45 साल के एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने न केवल पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
पुलिस थाने में पूछताछ के दौरान युवक की मौत से गुस्साए परिवार वालों ने जमकर हंगामा किया और एनएच-75 को घंटों जाम रखा। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज कर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। पुलिस अधिकारियों से घटना में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद लोग शव लेकर मौके से हटे।
दरसअल, गढ़वा सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कितासोती गांव में जमीनी विवाद को लेकर 45 वर्षीय बृजेश प्रजापति और उनके बेटे शशिकांत प्रजापति को महिला प्रमिला कुंवर द्वारा दिए गए आवेदन के बाद पुलिस ने पूछताछ करने के लिए गढ़वा सदर थाने बुलाया था। आरोप है कि पुलिस बृजेश प्रजापति से बेहद सख्त लहजे में पूछताछ कर रही थी। जब उसने खाना और पानी मांगा तो पुलिसकर्मियों ने खाना-पानी तो नहीं दिया, उल्टा बृजेश को कई घंटों तक एक ही स्थान पर बैठाया रखा और उसे पीटा भी, जिस वजह से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और अचानक वह थाना परिसर में ही अचेत होकर गिर पड़ा।
पुलिसकर्मियों द्वारा फ़ौरन उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। बृजेश प्रजापति की मौत की खबर मिलते ही आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने थाना घेर लिया। इसके साथ ही मृतक के शव को NH-75 पर रख कर घंटों जाम कर जमकर हंगामा किया। परिजनों ने सदर थाना प्रभारी समेत वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज करते हुए सभी को निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
Author: samachar
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