“अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके पास पहले एक भी जमीन नहीं थी, वे अब 300 बीघे के मालिक बन गए हैं। पढ़ें पूरी खबर।”
फतेहपुर, फतेहपुर जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल पर 50 लाख रुपये के लेनदेन में दोषी पाए जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब भाजपा के नेता खुद ही एक-दूसरे की पोल खोलने में लगे हैं।
भाजपा पर अखिलेश यादव का तंज
अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला भाजपा के भीतर की गहरी खाई को दर्शाता है। उन्होंने कहा,
“अब तो भाजपा नेता ही एक-दूसरे के भ्रष्टाचार का खुलासा कर रहे हैं। इससे साफ है कि पार्टी के भीतर कितना बड़ा घोटाला चल रहा है।”
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पर भी बिना नाम लिए हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके पास पहले एक भी जमीन नहीं थी, वे अब 300 बीघे जमीन के मालिक बन गए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सरकारी जमीनों और तालाबों पर कब्जे का भी मुद्दा उठाया।
भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं, प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर टिकी नजरें
मुखलाल पाल पर लगे आरोपों ने भाजपा के लिए नया संकट खड़ा कर दिया है। जिले के भाजपा नेता इस मामले में कोई प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं, जबकि प्रदेश नेतृत्व ने त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित करने के संकेत दिए हैं। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व मुखलाल पाल पर क्या कार्रवाई करता है।
साध्वी निरंजन ज्योति पर लोकपाल से शिकायत
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ लोकपाल को शिकायत भेजी। उन्होंने आरोप लगाया कि साध्वी निरंजन ज्योति की संपत्ति में अनियमित रूप से वृद्धि हुई है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
संपत्ति में अचानक बढ़ोतरी पर सवाल
शिकायत में यह दावा किया गया कि:
2014 के शपथ पत्र के अनुसार, साध्वी निरंजन ज्योति के पास कुल 25 लाख रुपये की संपत्ति थी।
2019 तक उनकी संपत्ति 45 लाख रुपये बढ़कर 70 लाख हो गई, जबकि इस दौरान उनकी कुल आय केवल 24 लाख रुपये थी।
2024 के शपथ पत्र के मुताबिक, उनकी संपत्ति 1.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.9 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इन पांच वर्षों में उनकी कुल आय केवल 33 लाख रुपये बताई गई है।
राजनीतिक तापमान चढ़ा, आगे क्या होगा?
इस पूरे विवाद के चलते फतेहपुर का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। जहां एक ओर भाजपा इस मामले में बैकफुट पर दिख रही है, वहीं सपा इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटी है। अब देखना यह होगा कि भाजपा नेतृत्व मुखलाल पाल और साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ क्या कदम उठाता है और क्या इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी या नहीं।
➡️रिपोर्ट: चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की