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23 February 2025 12:09 pm

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इकलौता मुस्लिम मुल्क जहां ‘आजाद’ हैं बेटियां! शहजादियों के पास है दूसरे धर्म में शादी का अधिकार

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मोहन द्विवेदी की खास रिपोर्ट 

इस्लाम का नाम आते ही हमारे दिमाग में एक सवाल गूंजने लगता है कि क्या इस धर्म में महिलाओं को पुरुषों के बराबर हक नहीं दिए गए हैं ?

तमाम इस्लामिक मुल्कों की स्थिति और नियम कायदे देखने के बाद यही धारणा मजबूत होती है. हालांकि, सच है कि केवल इस्लाम ही नहीं बल्कि दुनिया के करीब-करीब हम धर्म और समाज में आज भी महिलाओं की स्थिति पुरुषों की तुलना में कमतर है। कई समाज में कानूनी तौर पर ये अधिकार दे दिए गए हैं लेकिन वास्तविक रूप में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कमतर आंका ही जाता है।

खैर हम आज महिला-पुरुष के अधिकारों की बात नहीं कर रहे हैं। आज हम आपको एक बेहद प्रगतिशील इस्लामिक मुल्क की कहानी बता रहे हैं जहां की 99 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानती है। इसका नेतृत्व एक प्रगतिशील नेता के हाथों में हैं।

यह देश अफ्रीका के उत्तरी छोर पर स्थिति है। इसका क्षेत्रफल 1 लाख 63 हजार वर्ग किमी है। यानी बिहार और झारखंड राज्य के करीब-करीब बराबर। यह एक प्राचीन मुल्क है और इसका इतिहास काफी समृद्ध रहा है। आज की तारीख में यह मुल्क दुनिया के इस्लामिक देशों के लिए एक नजीर है। यहां की महिलाओं को आज की तारीख में पूरे इस्लामिक वर्ल्ड में सबसे अधिक आजादी प्राप्त है।

दूसरे धर्म में शादी का कानूनी अधिकार

दरअसल, हम जिस मुल्क की बात कर रहे हैं उसका नाम है ट्यूनिशिया। उत्तरी अफ्रीका के इस मुल्क में बकायदा कानूनी तौर पर मुस्लिम शहजादियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे गैर-इस्लामिक लड़के को धर्म परिवर्तन करवाए बिना अपना जीवनसाथी चुन सकती हैं। दुनिया के अधिकतर इस्लामिक मुल्कों में अगर कोई मुस्लिम लड़की दूसरे धर्म के लड़के के साथ शादी करना चाहती है तो पहले उसे उस लड़के का धर्म परिवर्तन करवाकर इस्लाम कबूल करवाना होता है। लेकिन, ट्यूनिशिया के मामले में यह कहानी अलग है।

यह एक आधुनिक समाज है। यहां की जनता ने 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति जीन अल एबिदीन बेन अली के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। जनता ने लोकतंत्र और व्यापक आजादी के लिए यह विद्रोह किया था। इसके बाद 2017 में राष्ट्रपति बेजी कैद एसेब्सी की सरकार ने महिलाओं को कानूनी तौर पर यह अधिकार दे दिया कि वे अपने पसंद के जीवनसाथी चुन सकती हैं। इसके लिए उन्हें अपने होने वाले जीवनसाथी का धर्म परिवर्तन नहीं करवाना होगा।

ट्यूनेशिया में 1973 में एक कानून के तहत यह बाध्यकारी कर दिया गया था कि अगर कोई मुस्लिम महिला दूसरे धर्म के लड़के से साथ शादी करना चाहती है तो उसे पहले उस लड़के का धर्म परिवर्तन करवाना होगा। ऐसा कानून अरब सहित अधिकतर इस्लामिक मुल्कों में भी है। इस कानून के खिलाफ ट्यूनिशिया के मानवाधिकार संगठन लंबे समय से आवाज उठा रहे थे। ट्यूनिशिया की क्रांति के बाद कई अरब देशों में वहां की सत्ता के खिलाफ विद्रोह पनपा था। जनता ज्यादा आजादी और मानवाधिकारों की रक्षा की मांग कर रही थी। इस कारण अरब के कई मुल्कों में सत्ता परिवर्तन हुए थे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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