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21 February 2025 3:32 pm

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डिजिटल फ्रॉड से बचाव और सरकारी योजनाओं की जानकारी पर जागरूकता शिविर आयोजित

57 पाठकों ने अब तक पढा

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

बांदा: भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, इंडियन बैंक और आरोह फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय साक्षरता और जन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर एएफसी अनूप गुप्ता के निवेदन पर समाजसेवी सुमित शुक्ला द्वारा बांदा जिले के सहेवा गांव में आयोजित किया गया।

डिजिटल लेनदेन में सावधानी जरूरी

वर्तमान समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और ऑनलाइन लेनदेन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, डिजिटल जागरूकता की कमी के कारण लोग कई बार साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं। कई मामलों में छोटी गलतियों के कारण बैंक खातों से धन की हानि हो जाती है, वहीं कई लोग साइबर फ्रॉड का शिकार होकर कानूनी पचड़ों में भी फंस जाते हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए समाजसेवी सुमित शुक्ला समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं।

शिविर में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां

इस बैठक के दौरान एएफसी अनूप गुप्ता ने डिजिटल धोखाधड़ी के नए-नए तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे स्कैनिंग फ्रॉड, वीडियो कॉल स्कैम और अन्य ऑनलाइन ठगी के मामलों से सतर्क रहना आवश्यक है। इसके साथ ही, उन्होंने लोगों की शंकाओं का समाधान भी किया और उन्हें सुरक्षित डिजिटल लेनदेन के उपाय समझाए।

सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई

इसके अलावा, शिविर में विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई, जिससे ग्रामीणों को अधिक लाभ मिल सके। इनमें अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं शामिल थीं। समाजसेवी सुमित शुक्ला ने बताया कि डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की सही जानकारी लोगों तक पहुंचाना भी जरूरी है। अक्सर देखा जाता है कि जागरूकता की कमी के कारण गांव के लोग इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते हैं।

कार्यक्रम में कई लोग रहे मौजूद

इस जागरूकता शिविर में समाजसेवी सुमित शुक्ला, एएफसी अनूप गुप्ता, दिनेश मिश्रा, पंकज प्रजापति, अजय कुशवाहा, परशुराम यादव, मोनू अनुरागी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को डिजिटल सुरक्षा और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था।

डिजिटल युग में सुरक्षित लेनदेन और सरकारी योजनाओं का सही लाभ उठाने के लिए इस तरह के जागरूकता शिविरों का आयोजन बहुत आवश्यक है। समाजसेवी सुमित शुक्ला और उनकी टीम द्वारा किया गया यह प्रयास ग्रामीणों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

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