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29 March 2025 11:54 am

‘मजदूरों’ को लगा विदेश का चस्का, होटल पहुंचते ही मैनेजर से करते थे खास डिमांड, राज खुली तो पुलिस के उड़ गए होश

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक प्रतिष्ठित साड़ी व्यापारी के कर्मचारियों द्वारा चोरी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। कोतवाली क्षेत्र के सदर चौक स्थित इस साड़ी कारोबारी के पांच कर्मचारियों ने अपने मालिक के भरोसे का गलत फायदा उठाते हुए लाखों की साड़ियां चोरी कर लीं।

50 लाख की साड़ियों की चोरी, 25 लाख की बरामद

जांच में पता चला कि आरोपियों ने अब तक करीब 50 लाख रुपये से अधिक की साड़ियां चुरा ली थीं। पुलिस ने जब मामले की तहकीकात की, तो 25 लाख की साड़ियां बरामद कर ली गईं।

ये आरोपी चोरी की गई महंगी साड़ियों को बाजार में बेचकर विदेशों में मौज-मस्ती और अय्याशी किया करते थे। पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन अन्य अभी भी फरार हैं।

कैसे हुआ चोरी का खुलासा?

मऊ पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ स्पेशल अभियान चला रखा है। इसी दौरान 13 फरवरी को बंधा रोड, नवापुरा के पास से पुलिस को बड़ी सफलता मिली। पुलिस ने होजैफा नसीम नामक एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के दौरान उसके घर से 38 बोरियों में छिपाकर रखी गईं 3,344 चोरी की साड़ियां बरामद हुईं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 20 लाख रुपये है।

इसके बाद पुलिस ने होजैफा नसीम के दो अन्य साथियों के ठिकानों पर छापेमारी की और वहां से और भी बड़ी संख्या में चोरी की गईं साड़ियां बरामद हुईं—

मोहम्मद आमिर के घर (बंधा रोड, नवापुरा पश्चिम, थाना दक्षिण टोला) से 34 बोरियों में 3,069 साड़ियां मिलीं।

साहब अहमद के घर (मोहल्ला डोमनपुरा, थाना दक्षिण टोला) से 4 बोरियों में 275 साड़ियां मिलीं।

कैसे रची गई थी यह साजिश?

पुलिस जांच में यह सामने आया कि होजैफा नसीम एक शातिर अपराधी है। वह पिछले 6-7 साल से ‘अफजाल साड़ी सेंटर’ में काम कर रहा था। लेकिन बीते कुछ महीनों से उसने अपने साथियों मोहम्मद आमिर, साहब अहमद और मोहम्मद उमर के साथ मिलकर एक गिरोह बना लिया।

यह गिरोह साड़ी व्यापारी की दुकान और गोदाम से महंगी साड़ियां चोरी करता था।

चोरी की गई साड़ियों को औने-पौने दामों में बेचकर पैसे आपस में बांट लेते थे।

इन पैसों का इस्तेमाल अपनी मौज-मस्ती और घर खर्च के लिए किया जाता था।

बचे हुए तीन आरोपियों की तलाश जारी

पुलिस ने इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन तीन अन्य अभी भी फरार हैं।

मऊ के एएसपी महेश सिंह अत्रि ने बताया कि इनकी तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं।

उन्होंने कहा,

“जनपद मऊ पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत यह बड़ी सफलता मिली है। हम जल्द ही फरार अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लेंगे और इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर देंगे।”

क्या होगी अगली कार्रवाई?

पुलिस अब इस मामले में चोरी की गई बाकी साड़ियों को बरामद करने में जुटी है।

फरार आरोपियों की तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है।

इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान के लिए भी गहराई से पूछताछ की जा रही है।

यह मामला व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा मालिक के विश्वास के साथ विश्वासघात का एक गंभीर उदाहरण है।

साड़ी चोरी कर विदेशों में अय्याशी करने वाले इन अपराधियों को पुलिस ने बेनकाब कर दिया है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि आखिर ये लोग इतने लंबे समय तक चोरी करते रहे और किसी को भनक तक नहीं लगी?

अब देखना यह होगा कि फरार अपराधियों को कब तक गिरफ्तार किया जाता है और यह गिरोह किन-किन अन्य अपराधों में संलिप्त था।

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