संजय वर्मा की रिपोर्ट
जालौन जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन टीम) ने राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) और उसके दो दलालों को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी की कार्रवाई कोंच तहसील कार्यालय में की गई। पीड़िता की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई, जो पिछले दो महीने से अपने उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील के चक्कर काट रही थी।
शिकायत की पृष्ठभूमि
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम परैथा निवासी राधा पटेल के पति शिवेंद्र सिंह निरंजन, जो सुल्तानपुर के एक परिषदीय स्कूल में शिक्षक थे, ने 30 सितंबर को घरेलू कलह के चलते आत्महत्या कर ली। पति की मृत्यु के बाद राधा पटेल को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी ताकि वह पति की संपत्ति और अन्य अधिकार प्राप्त कर सके। अक्टूबर में जब राधा पटेल ने कोंच तहसील में आवेदन दिया, तो राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे को इस पर रिपोर्ट लगानी थी। लेकिन हर बार वह किसी न किसी कागजी कमी का बहाना बनाकर राधा को टरका देते थे।
दलालों के जाल में फंसी महिला
लगातार दो महीने चक्कर लगाने के बाद, राधा पटेल तहसील में ही दो दलालों – माता प्रसाद और सौरभ यादव – से मिली। दलालों ने उसे भरोसा दिया कि 30 हजार रुपये में काम हो जाएगा। मजबूर होकर राधा ने रिश्वत देने के लिए सहमति दे दी। लेकिन उसने अपने रिश्तेदारों को यह बात बताई। रिश्तेदारों की सलाह पर उसने भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी से संपर्क कर अपनी समस्या बताई।
एंटी करप्शन टीम की योजना
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के निरीक्षक शादाब खान और उनकी टीम ने मामले को गंभीरता से लिया। टीम में निरीक्षक ठाकुरदास, उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप, इरशाद, राहुल कुशवाहा, ओमकार, आरिफ, जीतेंद्र सिंह, शिवम गुप्ता और मनोज शामिल थे। टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई की योजना बनाई और सुबह 9 बजे ही कोंच तहसील के पास पहुंच गई। टीम के सदस्यों ने अपनी गाड़ियां तहसील से दूर खड़ी कीं और पहचान छिपाने के लिए गाड़ियों की बत्तियां हटा दीं।
रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए
टीम ने राधा पटेल को राजस्व निरीक्षक के कार्यालय में भेजा। वहां राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे ने राधा को बताया कि पैसे उनके दो दलालों को दे दे। जैसे ही राधा ने दलालों को 30 हजार रुपये दिए, उन्होंने रुपये गिने और फिर राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे ने भी रुपये गिने। इन रुपयों में पहले से ही केमिकल लगा हुआ था। जैसे ही रुपये हाथ में आए, टीम के सदस्य, जो सादी वर्दी में दरवाजे के पास खड़े थे, अंदर आ गए और तीनों – राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे, सेवानिवृत्त चपरासी माता प्रसाद और सौरभ यादव – को रंगे हाथ पकड़ लिया।
विरोध और हंगामा
गिरफ्तारी के दौरान राजस्व निरीक्षक और दलालों ने टीम का विरोध किया और धक्का-मुक्की करने लगे। इससे तहसील में मौजूद अन्य लोग भी वहां इकट्ठा हो गए। भीड़ बढ़ती देख एंटी करप्शन टीम के एक सदस्य ने स्थिति संभालने के लिए अपनी रिवाल्वर निकालकर हवा में लहराई, जिससे भीड़ पीछे हट गई।
मुकदमा दर्ज, पुलिस अभिरक्षा में आरोपी
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर एट थाने ले जाया गया। एट थानाध्यक्ष विमलेश कुमार ने बताया कि राजस्व निरीक्षक कृष्णा खरे और दोनों दलालों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल तीनों पुलिस अभिरक्षा में हैं और मामले की जांच जारी है।
न्याय की उम्मीद
इस कार्रवाई से न केवल पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी है, बल्कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की तत्परता का एक अहम उदाहरण भी है।