संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
2024 में बांदा जिले की राजनीतिक हलचल मुख्य रूप से लोकसभा चुनावों के इर्द-गिर्द रही। बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट पर जातीय समीकरणों की भूमिका अहम रही, खासकर ब्राह्मण और कुर्मी समुदाय के मतदाता निर्णायक साबित हुए। पिछले चार दशकों से बांदा जिले का कोई स्थानीय उम्मीदवार इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सका है। इस साल भी भाजपा के मौजूदा सांसद आर.के. सिंह पटेल को टिकट मिला, जो 2019 में भी विजयी रहे थे।
बांदा जिले में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच मुकाबला कड़ा रहा। प्रशासनिक दृष्टिकोण से, बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के मुद्दे प्रमुख रहे, जिसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और कृषि योजनाओं का क्रियान्वयन शामिल है। इसके अलावा, 2022 के विधानसभा चुनावों के परिणामों का असर इस बार भी देखने को मिला, जहां जिले की 5 सीटों में 2 पर भाजपा, 2 पर सपा, और 1 पर अपना दल (एस) ने जीत हासिल की थी।
बांदा की प्रशासनिक संरचना में भी इस साल विकास कार्यों और नई परियोजनाओं की घोषणा हुई, जिससे स्थानीय बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास किए गए हैं।
2024 में बांदा जिले में राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियाँ कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ सुर्खियों में रहीं। लोकसभा चुनावों में बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच रहा। इस सीट के जातीय समीकरणों में ब्राह्मण, कुर्मी, और ओबीसी मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रशासनिक तौर पर, जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के नेतृत्व में चुनावी तैयारियाँ और सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया गया। मई 2024 में हुए मतदान के दौरान 24 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया, जिसमें भाजपा के मौजूदा सांसद आर.के. सिंह पटेल एक प्रमुख उम्मीदवार रहे।
इसके अलावा, विकास योजनाओं में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं पर काम जारी रहा, जो जिले के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण रहे। जिले में प्रशासनिक सुधारों और लोक कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन की दिशा में प्रयास भी देखे गए, जिनका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की सुविधाओं को बेहतर बनाना रहा।