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December 12, 2024 7:38 am

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सहायक अध्यापिका और मशहूर कथा वाचिका रागिनी मिश्रा ने आरोपों पर तोड़ी चुप्पी, कहा- “मेरा कर्म क्षेत्र और धर्म क्षेत्र अलग है”

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

मऊ जनपद के सदर तहसील अंतर्गत रणवीर गांव के कम्पोजिट विद्यालय की सहायक अध्यापिका और प्रसिद्ध कथा वाचक रागिनी मिश्रा पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चल रहे आरोपों और विवादों के घेरे में थीं। उनके ऊपर यह आरोप लगाया जा रहा था कि वे नियमित रूप से विद्यालय में नहीं आती हैं और कथा वाचन के कार्य में अधिक समय देती हैं।

इन आरोपों के बीच अब रागिनी मिश्रा ने मीडिया के सामने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके कुछ साथी अध्यापक उनके प्रति दुर्भावना रखते हैं और उन्हीं की साजिश के तहत ये झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा, “हर व्यक्ति का कर्म क्षेत्र और धर्म क्षेत्र अलग होता है। मैं विद्यालय के समय में अपने शैक्षणिक दायित्वों को पूरी ईमानदारी के साथ निभाती हूं। खाली समय में कथा वाचन करना मेरा आध्यात्मिक कर्म है, और इससे मेरे अध्यापन कार्य पर कोई असर नहीं पड़ता।”

भगवान राम को आराध्य मानती हैं रागिनी मिश्रा

रागिनी मिश्रा ने अपनी आस्था और कथा वाचन के कार्य को लेकर कहा, “भगवान राम मेरे आराध्य हैं। मैं छह वर्ष की उम्र से कथा वाचन कर रही हूं। यह कार्य मेरी आस्था और आत्मिक संतुष्टि से जुड़ा है। इसे मुझसे कोई अलग नहीं कर सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि कभी उन्हें यह लगेगा कि उनके कारण बच्चों की पढ़ाई पर कोई नकारात्मक असर पड़ रहा है, तो वे स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे देंगी।

आरोपों को बताया षड्यंत्र

रागिनी मिश्रा ने कहा कि उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है। उनके अनुसार, कुछ स्थानीय पत्रकार भी इस षड्यंत्र में शामिल हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे विद्यालय के कार्यों को पूरी निष्ठा के साथ पूरा करने के बाद ही अपने व्यक्तिगत आध्यात्मिक कार्यों में समय देती हैं।

शिक्षा विभाग ने दिए जांच के आदेश

विवाद बढ़ने के बाद मऊ के बेसिक शिक्षा विभाग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। शिक्षा विभाग ने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और सत्यता सामने आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरे प्रकरण ने मऊ जिले में शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। एक ओर जहां रागिनी मिश्रा के समर्थक उनके कथा वाचन के अधिकार का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी अनुशासनहीनता का आरोप लगा रहे हैं। अब शिक्षा विभाग की जांच के नतीजे का सभी को इंतजार है, जिससे सच्चाई सामने आ सकेगी।

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