ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
मथुरा में महिला थाने में पिछले तीन वर्षों में घरेलू विवादों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन मामलों के पीछे कई कारण उभरकर सामने आ रहे हैं, जिनमें परिवार के सदस्यों के बीच आपसी तालमेल की कमी, अहंकार, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग, नशे की लत और विवाहेत्तर संबंध प्रमुख हैं। इन कारणों से पति-पत्नी के रिश्तों में दरारें पड़ रही हैं और नतीजतन, रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच रहे हैं।
महिला थाना प्रभारी रंजना सचान ने बताया कि छोटी-छोटी बातों पर पति-पत्नी के बीच विवाद हो रहे हैं। कई बार मामूली झगड़े भी इतने गंभीर हो जाते हैं कि उनका समाधान केवल थाने के हस्तक्षेप से ही संभव होता है। अक्सर पति-पत्नी आपस में संवाद नहीं करते, और नाराजगी को मन में दबाकर रखते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है।
तीन वर्षों में 3500 से अधिक मामले
महिला थाने में बीते तीन वर्षों में 3,500 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से 1,865 मामलों में काउंसलिंग के जरिए पति-पत्नी के बीच सुलह कराई गई, जबकि 508 मामलों में काउंसलिंग के बावजूद समाधान नहीं निकला, जिसके चलते पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा।
एक वर्ष में 697 मामलों में सफलता
पिछले एक साल में 1,784 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से 422 मामलों में पति-पत्नी के बीच समझौता हो गया, जबकि 697 शिकायतें पहली काउंसलिंग के बाद ही निपटा दी गईं। पुलिस ने इन मामलों में फाइल बंद कर दी, क्योंकि दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी गलतफहमियों को दूर कर लिया।
चार्जशीट और जांच के आंकड़े
महिला थाना प्रभारी के अनुसार, इस वर्ष 184 मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया, जिनमें 5 मामलों में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट (एफआर) दाखिल की, 129 मामलों में चार्जशीट दायर की गई, और 53 मामलों की जांच अभी जारी है।
समाधान के बाद फीडबैक
महिला थाना पुलिस विवादों के समाधान के बाद फीडबैक लेने की प्रक्रिया भी अपनाती है। पिछले तीन वर्षों में 1,865 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें से केवल 8 से 10 मामलों में बाद में विवाद की स्थिति फिर से पैदा हुई। अधिकांश मामलों में पति-पत्नी के रिश्ते सामान्य हो गए हैं।
अहंकार और संवादहीनता सबसे बड़ी समस्या
थाना प्रभारी रंजना सचान का मानना है कि रिश्तों में बढ़ते अहंकार और एक-दूसरे के सामने झुकने से इंकार के कारण विवाद बढ़ रहे हैं। दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहते हैं और किसी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं होते। यह रवैया कई बार तलाक जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर देता है।
महिला थाना प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक विवादों को सुलझाया जाए ताकि परिवार टूटने से बच सकें। पति-पत्नी के बीच संवाद और समझ बढ़ाकर इन समस्याओं का समाधान संभव है।