अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
गोंडा जिले के तरबगंज तहसील में प्रशासनिक अनदेखी और देरी का मामला सामने आया है। करीब चार माह पहले, 5 अगस्त 2024 को, तरबगंज के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) ने ग्राम गोकुला में किलाबंदी का आदेश पारित किया था। लेकिन इस आदेश के बावजूद, धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस मामले को लेकर ग्राम गोकुला के निवासी मुरलीधर पुत्र शिव बालक ने देवीपाटन मंडल के कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। मुरलीधर का आरोप है कि तत्कालीन उपजिलाधिकारी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और पारिवारिक संबंधों के कारण किलाबंदी की कार्रवाई को जानबूझकर रोका गया।
कमिश्नर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला अधिकारी (डीएम) को इस पूरे प्रकरण की जांच करने और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डीएम से कहा है कि शिकायत में उठाए गए सभी बिंदुओं की निष्पक्षता से जांच की जाए और नियमानुसार कदम उठाए जाएं।
इस मामले में, डीएम को जल्द से जल्द कृत कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है। प्रशासनिक पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए इस प्रकरण को अहम माना जा रहा है।
यह घटना प्रशासनिक तंत्र में देरी और हस्तक्षेप के मामलों को उजागर करती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि अधिकारियों के आदेश समय पर लागू नहीं होते, तो प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर भरोसा कमजोर होता है। अब सभी की नजरें डीएम द्वारा जांच और कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।