जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ। जनपद के घोसी कस्बे में 15 नवंबर को हुई चाकूबाजी और इसके बाद भड़की हिंसा के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। इस घटना के मुख्य आरोपी शोएब खान पर जिलाधिकारी अमित मिश्रा ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की धारा-3 के तहत कार्रवाई की है। इसके तहत शोएब खान को तीन महीने तक पुलिस अभिरक्षा में रखा जाएगा।
घटना का पूरा विवरण
घटना 15 नवंबर की शाम घोसी कोतवाली क्षेत्र में हुई, जब शोएब खान ने सुक्खू राजभर पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में सुक्खू गंभीर रूप से घायल हो गए, और दोनों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोसी में चल रहा था। इसी दौरान सैकड़ों की संख्या में एक भीड़ ने अस्पताल पर हमला कर दिया, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
अस्पताल पर हुए इस हमले में सीओ घोसी गणेश दत्त मिश्रा, घोसी कोतवाल राजकुमार सिंह और पुलिसकर्मी राहुल घायल हो गए। इसके साथ ही अस्पताल में तोड़फोड़ और भारी नुकसान हुआ। पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद भी करीब 300 लोगों की भीड़ ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया और एक धार्मिक स्थल पर पथराव कर दिया।
प्रशासन और पुलिस का सक्रिय हस्तक्षेप
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मऊ जनपद के 13 थानों की पुलिस, एडीजी पियूष मोर्डिया, पुलिस कमिश्नर वैभव कृष्ण, डीएम प्रवीण मिश्रा और पुलिस अधीक्षक इलामारन जी ने रातभर घोसी कस्बे में कैंप किया। पुलिस की तत्परता के चलते सांप्रदायिक तनाव की स्थिति को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया।
कानूनी कार्रवाई और एफआईआर
इस घटना के बाद तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं।
1. मुख्य आरोपी शोएब खान पर चाकूबाजी का मामला दर्ज किया गया, जिसमें जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई करते हुए शोएब को तीन महीने के लिए मऊ जेल में निरुद्ध कर दिया।
2. दूसरे मामले में पुलिस पर हमला, पुलिस वाहन की तोड़फोड़ और धार्मिक स्थल पर पथराव करने के आरोप में 38 नामजद और 200 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
3. तीसरे मामले में तोड़फोड़ और हिंसा में शामिल दो अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया है।
पुलिस की जांच और बयान
पुलिस अधीक्षक इलामारन जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मुख्य आरोपी शोएब खान और उसके दो सहयोगियों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। पुलिस ने घटना में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छानबीन जारी रखी है।
प्रशासन का रुख
घटना के बाद जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की हिंसा या कानून व्यवस्था भंग करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनएसए के तहत की गई कार्रवाई से प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस घटना और इसके बाद की कार्रवाई ने यह साबित किया है कि प्रशासनिक सक्रियता और दृढ़ता से बड़ी से बड़ी समस्याओं को समय पर सुलझाया जा सकता है। फिलहाल, घोसी कस्बे में हालात सामान्य हैं, लेकिन पुलिस हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।