अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में कई बार इस बात की काफी चर्चा हुई है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। हालांकि, कई बार केशव प्रसाद के बयानों से भी ऐसे संकेत मिलते आए हैं।
जिससे यह जगजाहिर है कि सीएम योगी की लाइन से हटकर केशव मौर्य की बीजेपी के अंदर अपनी एक अलग लाइन है, लेकिन इन सबसे अलग अब बीजेपी के दिग्गज नेता केशव प्रसाद मौर्य के सुर सीएम योगी के प्रति बदलते हुए नजर आ रहे हैं।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सुर ऐसे वक्त बदले हैं जब उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रयागराज में मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सीएम योगी एक संत है और संत का अपमान ने तो केशव प्रसाद मौर्य बर्दाश्त करेगा न ही प्रदेश और देश।
केशव प्रसाद मौर्य ने क्या कहा?
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “…उनको(अखिलेश यादव) कभी अच्छे लोगों की संगति नहीं मिली है। गुंडों, अपराधियों, दंगाईयों और माफियाओं के बीच रहेंगे तो साधु-संतों के बारे में क्या बोलना है या क्या नहीं बोलना है, इस मर्यादा का उन्हें ध्यान कैसे रहेगा? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक संत हैं और एक संत का अपमान न तो केशव प्रसाद मौर्य बर्दाश्त करेगा, न देश और न ही प्रदेश की जनता बर्दाश्त करेगा। इसका खामियाजा उन्हें उपचुनाव और चुनाव में भुगतना पड़ेगा।’
कटेंगे तो बटेंगे के योगी के नारे पर केशव ने नहीं जताई थी असहमति
बता दें, इससे पहले अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे वाले नारे पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किनारा कर लिया था। मंझवा उपचुनाव के प्रचार के बाद आज तक से बातचीत करते हुए केशव मौर्य ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के बंटेंगे तो कटेंगे बयान पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
केशव मौर्य ने कहा कि वह नहीं जानते कि मुख्यमंत्री ने यह बात किस संदर्भ में कही है इसलिए वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन नारा जो प्रधानमंत्री ने दिया है “सबका साथ सबका विकास”और “एक है तो सेफ है” यही नारा हमारा नारा है। केशव मौर्य ने कहा मुख्यमंत्री ने जो बात कही है उन्होंने कुछ सोचकर कहा होगा। किस संदर्भ में उन्होंने बातें कही हैं यह मैं नहीं जानता लेकिन मेरा इस पर कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है। साफ तौर पर केशव मौर्य ने बंटोगे तो कटोगे के नारे पर खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाइन से अलग कर लिया।
केशव ने जब कहा था- संगठन सरकार से बड़ा होता है
इससे पहले पिछले महीने 14 जुलाई को लखनऊ में बीजेपी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में दोनों नेताओं ने प्रदेश में लोकसभा में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन की अलग-अलग वजहें गिनवाई थीं। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में अति आत्मविश्वास को यूपी में पार्टी के ख़राब प्रदर्शन का कारण बताया था।
दूसरी तरफ केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन, सरकार से बड़ा होता है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन, प्रदेश और देश के नेतृत्व के सामने कह रहा हूं, संगठन सरकार से बड़ा है। संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है।
केशव प्रसाद मौर्य के बयान को योगी सरकार के खिलाफ टिप्पणी के तौर पर देखा गया था और इसने कई तरह की चर्चा और अटकलों को जन्म दिया। इस बयान के बाद से माना जाता है कि यूपी के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच बड़ी खाई है।
यूपी उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल
बता दें, उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। यह उपचुनाव एक तरह से बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी है। इससे पहले जुलाई में देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इनमें इंडिया गठबंधन ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के खाते में केवल दो सीटें आई थीं।
लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लगे झटके के बाद इन नतीजों को भी बीजेपी के गिरते ग्राफ़ की तरह देखा गया था। राजनीतिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन इस साल के लोकसभा चुनावों में उसे राज्य में बड़ा झटका लगा था।
लोकसभा चुनाव: यूपी में 80 में से बीजेपी को मिली थीं 33 सीटें
चार जून 2024 को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में यूपी में बीजेपी को 80 में से 33 सीटें मिली थीं, जो साल 2019 की तुलना में 29 कम हैं। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लगे इस झटके की वजह से ही वो अपने दम पर केंद्र में बहुमत हासिल नहीं कर पाई। उसके बाद से ही यूपी में बीजेपी की इस असफलता को लेकर कई तरह के आकलन किए जा रहे हैं। इसे यूपी की सरकार के कामकाज से भी जोड़कर देखा गया है, तो कुछ लोग लोकसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को इस परिणाम के पीछे की वजह मानते हैं।
हालांकि, इन सबते बीत केशव प्रसाद मौर्य के रुख में अचानक यह बदलाव कैसे आया? यह बड़ी बात है कि वो योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने लगे। डिप्टी सीएम ने यहां तक कह दिया कि केशव प्रसाद मौर्य CM योगी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।