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December 12, 2024 7:10 am

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ये पुलिस है कि जल्लाद? इस खबर को पढ़ने के बाद आप भी इस सवाल पर गौर करेंगे 👇

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में एक मजदूर के साथ कथित रूप से पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। पीड़ित मजदूर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे मोबाइल चोरी के शक में हिरासत में लेकर अमानवीय तरीके से थर्ड डिग्री दी और चोरी कबूलने के लिए दबाव बनाया। इस मामले का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद डीसीपी ने आरोपी सिपाही आशुतोष सिंह को निलंबित कर दिया है और एसीपी कैंट को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

घटना का पूरा विवरण

पीड़ित मजदूर, रोहित तिवारी, जो कि शटरिंग का काम करता है, ने बताया कि उसे पुलिस ने लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। उसका कहना है कि पीजीआई थाने के पुलिसकर्मियों ने उसे जबरन मोबाइल चोरी कबूल करने के लिए यातनाएं दीं। रोहित ने बताया कि उसे रातभर थाने के लॉकअप में बंद रखा गया और अगली सुबह शांति भंग के आरोप में चालान करके छोड़ दिया गया।

भुक्तभोगी की आपबीती

रोहित ने बताया कि बुधवार शाम को पीजीआई थाने से पुलिसकर्मी उसके घर फैजुल्लागंज पहुंचे। उस समय वह घर पर मौजूद नहीं था। पुलिसकर्मियों ने उसकी गर्भवती पत्नी से पूछताछ की और बिना अनुमति के घर के अंदर घुस गए। इसके बाद पुलिस ने रोहित को फोन करके थाने बुलाया। थोड़ी देर पूछताछ के बाद उसे वहीं छोड़ दिया गया, लेकिन दो-तीन घंटे बाद फिर से वृंदावन चौकी से उसे बुलाया गया।

वृंदावन चौकी पहुंचने पर सिपाही आशुतोष सिंह ने एक अन्य युवक के कहने पर रोहित पर चोरी का आरोप लगाया। रोहित ने बताया कि उसने बार-बार चोरी से इनकार किया, लेकिन पुलिसकर्मी उसे चौकी के अंदर बने कमरे में ले गए और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। इस दौरान उसे बेसुध होने तक पीटा गया।

पुलिस हिरासत में बदसलूकी

रोहित का आरोप है कि पीटने के बाद उसे पीजीआई थाने के लॉकअप में डाल दिया गया। देर रात उसकी गर्भवती पत्नी वंदना थाने पहुंची, लेकिन पुलिस ने उसके साथ भी दुर्व्यवहार किया और उसे थाने से भगा दिया। रोहित ने बताया कि लॉकअप में भी उससे बार-बार चोरी कबूलने के लिए दबाव बनाया गया और इंकार करने पर फिर से लोहे की रॉड से पीटा गया। इस मारपीट से उसके हाथ, पैर, कंधे और कमर में गहरे जख्म हो गए और खून के थक्के जम गए हैं।

पुलिस का पक्ष

पीजीआई थाने के इंस्पेक्टर रवि शंकर त्रिपाठी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि मोबाइल चोरी की शिकायत मिलने के बाद सिपाही आशुतोष सिंह ने जांच के लिए रोहित तिवारी और अभिषेक नामक एक अन्य युवक को बुलाया था। पूछताछ के दौरान दोनों युवक एक-दूसरे पर चोरी का आरोप लगाते हुए आपस में झगड़ पड़े, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ 151 के तहत कार्रवाई की।

डीसीपी का एक्शन

इस मामले के तूल पकड़ने और इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद डीसीपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी सिपाही आशुतोष सिंह को निलंबित कर दिया और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। एसीपी कैंट को इस पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है।

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