ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों पर पारदर्शिता और ग्राहकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आबकारी आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश की सभी शराब की दुकानों पर अब ग्राहकों से डिजिटल पेमेंट स्वीकार करना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर कोई विक्रेता डिजिटल पेमेंट लेने से मना करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिजिटल पेमेंट के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
शराब विक्रेताओं की मनमानी रोकने के लिए राज्य सरकार ने शिकायत दर्ज कराने हेतु टोलफ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466004 जारी किया है। ग्राहक इन नंबरों पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं अगर कोई दुकानदार डिजिटल पेमेंट से इंकार करता है या शराब को निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर बेचता है।
शराब की बिक्री में पॉश मशीन का उपयोग अनिवार्य
आबकारी आयुक्त ने बताया कि अब प्रदेश की सभी शराब की दुकानों पर पॉश मशीन (POS) से स्कैन करके ही शराब की बिक्री की जाएगी। हर बीयर की बोतल या कैन को स्कैन करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए सभी दुकानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि प्रत्येक ग्राहक को सही दर पर शराब मिले और स्कैनिंग के बाद ही बिक्री की जाए। जो दुकाने इस नियम का पालन नहीं करेंगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ओवररेटिंग पर लगेगी लगाम
ओवररेटिंग की समस्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। कई बार देखा गया है कि दुकानदार ग्राहकों से शराब के लिए निर्धारित मूल्य से अधिक पैसे वसूलते हैं। अब ग्राहक बीयर या अन्य शराब खरीदते समय यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि विक्रेता ने उत्पाद को स्कैन किया है और उचित मूल्य पर ही बेचा है।
ग्राहकों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने की पहल
राज्य सरकार ने डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड से भुगतान की सुविधा भी अनिवार्य कर दी है। अगर किसी दुकान पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है तो ग्राहक स्थानीय अधिकारियों को शिकायत कर सकते हैं। सरकार का यह कदम ग्राहकों को बेहतर सेवा देने और शराब की बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इस पहल से न केवल ग्राहकों को उचित दरों पर शराब की उपलब्धता सुनिश्चित होगी बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। ग्राहक अब बिना किसी झंझट के डिजिटल पेमेंट का उपयोग कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की ओवररेटिंग से बच सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य में शराब की दुकानों पर पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक सकारात्मक कदम है। सरकार की मंशा है कि ग्राहकों को सही दरों पर शराब मिले और किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हो। यह कदम डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को भी आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।