कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के रामकोट थाना क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायत पर जांच करने पहुंची एक महिला खनन अधिकारी के साथ खनन माफियाओं द्वारा दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। खनन माफियाओं ने महिला अधिकारी के साथ बदसलूकी करने के साथ-साथ उनका मोबाइल फोन भी छीनकर तोड़ दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दो नामजद और कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
घटना का पूरा विवरण
सीतापुर जिले में तैनात मुख्य खनन अधिकारी शालिनी कुमारी ने रामकोट थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि उन्हें 6 नवंबर की रात लगभग एक बजे धनईखेड़ा गांव में अवैध खनन की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही वह अपने सहयोगियों के साथ मौके पर जांच के लिए पहुंचीं। वहां जाकर उन्होंने देखा कि परमिशन वाली जगह को छोड़कर अन्य स्थान पर अवैध रूप से जेसीबी मशीनों की मदद से खनन कार्य किया जा रहा था।
अर्जित शुक्ला उर्फ छोटे भैया पर गंभीर आरोप
खनन अधिकारी शालिनी कुमारी का आरोप है कि जब वह अवैध खनन रोकने के लिए मौके पर पहुंचीं, तो मशीन चालकों ने तुरंत खनन करा रहे अर्जित शुक्ला उर्फ छोटे भैया को फोन करके उनकी उपस्थिति की जानकारी दी। कुछ ही देर बाद अर्जित शुक्ला अपने साथी दिवाकर प्रसाद और अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचा।
शिकायत के अनुसार, अर्जित शुक्ला और दिवाकर प्रसाद ने अपने साथियों के साथ मिलकर शालिनी कुमारी के साथ धक्का-मुक्की की। उन्होंने खनन अधिकारी का मोबाइल फोन जबरन छीन लिया और उसे जमीन पर पटक कर तोड़ दिया। इतना ही नहीं, महिला अधिकारी को जमीन पर गिराकर उनके साथ अभद्रता और छेड़छाड़ की गई। जब खनन अधिकारी के सहयोगियों ने आरोपियों को रोकने का प्रयास किया, तो उनके साथ भी मारपीट की गई।
जान से मारने की धमकी देकर फरार
खनन अधिकारी ने आरोप लगाया कि दबंगों ने उन्हें और उनके सहयोगियों को जान से मारने की धमकी दी और फिर मौके से फरार हो गए। इस घटना के बाद, शालिनी कुमारी ने रामकोट थाने में अर्जित शुक्ला, दिवाकर प्रसाद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
तीन आरोपियों की गिरफ्तारी, मुख्य आरोपी फरार
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, पुलिस ने घटनास्थल से अवैध खनन में शामिल जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर, डंपर और अन्य वाहनों को भी जब्त कर लिया है। हालांकि, मुख्य आरोपी अर्जित शुक्ला और दिवाकर प्रसाद अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच तेज कर दी गई है और जल्द ही बाकी फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने जिले में अवैध खनन के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि खनन माफियाओं के हौसले कितने बुलंद हैं और वे प्रशासनिक अधिकारियों को भी धमकाने से नहीं चूकते। अब देखना यह होगा कि पुलिस कब तक मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याय की दिशा में कदम बढ़ाती है।