सोनू करवरिया की रिपोर्ट
बांदा/नरैनी, एक ओर जहां आज के समाज में हादसे की स्थिति में लोग मदद करने के बजाय अपने मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाने में मशगूल रहते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिवराज सिंह ने अपनी मानवीय संवेदनाओं का अनूठा उदाहरण पेश किया। शुक्रवार दोपहर लगभग 12:30 बजे एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए युवक की मदद कर एएसपी ने यह साबित कर दिया कि मानवता अभी भी जिंदा है।
घटना का विवरण
नरैनी थाना क्षेत्र के रिसौरा गांव निवासी रामप्रताप का 17 वर्षीय पुत्र विकास अपनी बाइक से कालिंजर मेला देखकर लौट रहा था। जब वह पहाड़पुर माइनर के पास पहुंचा, तभी एक अज्ञात बाइक सवार ने उसे जोरदार टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि विकास बाइक समेत सड़क पर गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया। वह सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन मौके पर मौजूद लोग उसकी मदद करने के बजाय उसका वीडियो बनाने और फोटो खींचने में व्यस्त थे।
मददगार के रूप में एएसपी की एंट्री
इसी दौरान, अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज सिंह बांदा से कालिंजर मेले का निरीक्षण करने जा रहे थे। उन्होंने सड़क पर तड़पते हुए युवक को देखा और तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई। बिना समय गंवाए, एएसपी शिवराज सिंह ने घायल युवक को अपने हाथों से उठाकर अपनी सरकारी गाड़ी में बिठाया। उन्होंने उसे तुरंत नरैनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार शुरू हुआ।
मेडिकल टीम की तत्परता
नरैनी सीएचसी में मौजूद डॉक्टर चेतना मिश्रा ने घायल विकास की हालत को गंभीर बताते हुए उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज, बांदा के लिए रेफर कर दिया। वहीं, जब इस घटना की सूचना नरैनी कोतवाली पुलिस को मिली, तो पुलिस बल तुरंत अस्पताल पहुंच गया और घायल युवक के परिजनों को सूचित किया।
जनमानस में एएसपी की सराहना
अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज सिंह के इस मानवीय कदम की हर तरफ सराहना हो रही है। उन्होंने न केवल अपनी ड्यूटी को निभाया, बल्कि इंसानियत की मिसाल भी कायम की। इस घटना ने समाज के उन लोगों को भी आईना दिखाया है, जो मुश्किल समय में मदद करने की बजाय तमाशबीन बन जाते हैं।
पुलिस का संदेश
बांदा पुलिस का यह कदम उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो दुर्घटनास्थल पर मदद करने से कतराते हैं। एएसपी शिवराज सिंह ने यह साबित कर दिया कि वर्दी के पीछे भी एक दिल धड़कता है, जो दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है।
यह घटना एक सीख भी देती है कि किसी की मदद करने के लिए किसी विशेष अवसर का इंतजार नहीं करना चाहिए। यह भी हमारी जिम्मेदारी है कि जब भी कोई संकट में हो, तो अपनी मानवीयता दिखाएं।
इस घटना ने जहां बांदा पुलिस के प्रति आमजन के विश्वास को बढ़ाया है, वहीं दूसरी ओर यह संदेश भी दिया है कि हर किसी को इंसानियत के कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।