संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
बांदा। रबी की फसल की बुवाई का समय सिर पर है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद की भारी कमी ने किसानों के बीच हड़कंप मचा दिया है। किसानों को समय पर खाद नहीं मिलने से उनकी परेशानी लगातार बढ़ रही है। 11 नवंबर को प्रशासन द्वारा भेजी गई 1600 टन डीएपी खाद भी इस संकट को कम करने में नाकाम रही। हालात यह हैं कि भेजी गई इस खाद का बड़ा हिस्सा, लगभग 1000 टन, चित्रकूट जनपद भेज दिया गया, जिससे बांदा के किसानों को केवल सीमित मात्रा में ही खाद मिल पाई।
तिंदवारी और अतर्रा में धरना-प्रदर्शन, महिलाओं का आक्रोश
खाद की किल्लत ने तिंदवारी के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का धैर्य तोड़ दिया। नाराज होकर हजारों महिलाओं ने सड़क पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, अतर्रा में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
किसानों का आरोप है कि उन्हें जरूरत के मुताबिक खाद उपलब्ध नहीं हो रही है, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। इन प्रदर्शनों की वजह से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया और सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
खाद के लिए लंबी कतारों में संघर्ष
डीएपी खाद की कमी के कारण किसान विभिन्न सहकारी समितियों और सरकारी दुकानों पर घंटों कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं। इस दौरान मुश्किल से उन्हें मात्र दो बोरी खाद मिल पाती है, जो उनकी जरूरतों के हिसाब से नाकाफी है। अतर्रा की सहकारी समिति में खाद आने की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में किसान वहां पहुंच गए। लेकिन, भीड़ को देखते हुए समिति के कर्मचारियों ने वितरण रोक दिया। इससे नाराज किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया और सरकार विरोधी नारे लगाए।
प्रशासन की कोशिशें नाकाफी, किसानों की नाराजगी बरकरार
स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को टोकन के माध्यम से खाद वितरण की व्यवस्था कराई और उन्हें शांत करने का प्रयास किया। अतर्रा के उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने कहा कि डीएपी खाद का वितरण जारी है और जल्द ही और अधिक खाद मंगाने की योजना है। वहीं, उपनिबंधक सहकारिता प्रदीप सिंह ने आश्वासन दिया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है और जल्द ही सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन, किसानों का कहना है कि इन आश्वासनों के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
रबी की बुवाई पर संकट
रबी फसलों की बुवाई के लिए अब केवल एक सप्ताह का समय बचा है, ऐसे में खाद की कमी ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। समय पर खाद नहीं मिलने से रबी की बुवाई प्रभावित होने का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी नाराजगी चरम पर पहुंच चुकी है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उनकी फसलें बर्बाद हो सकती हैं, जिससे उनकी आजीविका पर बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
स्थिति को देखते हुए, प्रशासन को जल्द ही प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि किसानों को राहत मिल सके और रबी की फसल की बुवाई समय पर हो सके।