चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर के हलीम कॉलेज चौराहे पर सोमवार शाम एक चुनावी सभा का आयोजन हुआ, जो उस समय भावनात्मक मोड़ पर पहुंच गई जब नसीम सोलंकी को बोलने के लिए बुलाया गया। इससे पहले, यह सभा अहीराना ग्वालटोली में हुई जनसभा के बाद आयोजित की गई थी। जैसे ही नसीम सोलंकी मंच पर आईं, उन्होंने मतदाताओं का अभिवादन किया।
लेकिन अचानक, अपने मन की पीड़ा बयां करते हुए वे भावुक हो गईं और सबके सामने रो पड़ीं। रुँधे गले से उन्होंने कहा, “अब बस छुड़वा दो विधायक जी को। हम थक गए हैं। यह हमारी आखिरी लड़ाई होगी, इंशाल्लाह।” उनके आंसुओं के साथ बहते हुए शब्दों ने सभा में मौजूद लोगों को गहराई से छू लिया। उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए जनता से वोट और दुआएं मांगी।
नसीम सोलंकी के भावुक हो जाने के बाद, माहौल कुछ क्षणों के लिए शांत हो गया। तभी सपा नेता शिवपाल यादव ने माइक संभाला और जनता को संबोधित करते हुए कहा, “देखिए, ये भावुक हो गई हैं। यह सिर्फ इनकी नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की मां-बेटियों की आवाज़ है। भाजपा ने जब से सत्ता संभाली है, हर वर्ग, जाति, और धर्म के लोगों को परेशान करने का काम किया है।”
शिवपाल यादव ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “यह ऐसा समय है जब भाजपा सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को रुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जब से ये सत्ता में आए हैं, तब से हर वर्ग को परेशान कर रहे हैं।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ खड़े हों और चुनाव के दिन अपना फैसला सुनाएं।
उन्होंने अपने समर्थकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के हर नागरिक के सम्मान की लड़ाई है। शिवपाल ने कहा, “अब वक्त आ गया है कि हम सभी मिलकर इस सत्ता के अहंकार को समाप्त करें।”
इस दौरान नसीम सोलंकी को मंच पर सार्वजनिक रूप से रोते देख लोगों में गहरी सहानुभूति पैदा हुई। सभा में भारी संख्या में उपस्थित लोगों ने तालियों और नारों के साथ उनका समर्थन किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी यह भावनात्मक अपील चुनावी नतीजों पर कितना असर डालती है।