अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मार्च 2017 में शुरू हुआ। तब से लेकर अब तक, राज्य की कानून-व्यवस्था और विकास के मोर्चे पर कई बदलाव देखने को मिले हैं। योगी आदित्यनाथ के शासन काल का विश्लेषण करते हुए, हम आपराधिक मामलों और विकास योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कानून-व्यवस्था और आपराधिक मामलों का विश्लेषण
‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति
योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही राज्य में कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने की घोषणा की। उन्होंने अपराध और भ्रष्टाचार पर सख्ती दिखाने का वादा किया और इसे अपने शासन का प्रमुख एजेंडा बनाया।
पुलिस मुठभेड़ (एनकाउंटर) की नीति
योगी सरकार के कार्यकाल की सबसे चर्चित नीति मुठभेड़ों की रही। सरकार के अनुसार, अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत पुलिस ने हजारों मुठभेड़ें कीं।
आंकड़े: 2022 तक, यूपी पुलिस ने लगभग 10,000 मुठभेड़ें कीं, जिसमें करीब 180 अपराधी मारे गए और हजारों गिरफ्तार हुए। सरकार का दावा है कि इससे राज्य में अपराध दर में कमी आई।
हालांकि, इन मुठभेड़ों की वैधता पर सवाल उठे। मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे ‘फर्जी मुठभेड़’ करार दिया, जहां कई मामलों में बिना उचित न्यायिक प्रक्रिया के अपराधियों को मार गिराया गया।
गैंगस्टर और माफिया पर शिकंजा
योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफिया सरगनाओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की। मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, और विकास दुबे जैसे माफिया डॉन के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए।
सरकार ने ‘ऑपरेशन क्लीन’ के तहत माफिया संपत्तियों को जब्त किया और उनके अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाए। इसे ‘बुलडोजर राज’ के नाम से जाना गया।
महिलाओं की सुरक्षा
योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहल कीं, जैसे:
एंटी रोमियो स्क्वाड: महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए यह टीम बनाई गई।
मिशन शक्ति अभियान: महिलाओं के प्रति हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई।
हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या अब भी देश में सबसे अधिक है। हाथरस कांड जैसे मामले इस दिशा में सरकार की विफलता को उजागर करते हैं।
मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक तनाव
योगी सरकार के कार्यकाल में गौ रक्षा और लव जिहाद के नाम पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी सामने आईं। मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य की सरकार आलोचनाओं के घेरे में रही।
इसके अलावा, CAA-NRC विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की सख्ती और मुस्लिम समुदाय पर की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठे।
विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर प्रगति
बुनियादी ढांचे का विकास
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया। राज्य को ‘एक्सप्रेसवे राज्य’ के रूप में उभरने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गईं।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: लखनऊ से गाजीपुर तक लगभग 340 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास है।
गंगा एक्सप्रेसवे: यह परियोजना मेरठ से प्रयागराज तक 600 किमी लंबी है और इसे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाने का लक्ष्य है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: इसका उद्देश्य पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र को जोड़ना और वहां के आर्थिक विकास को गति देना है।
डिफेंस कॉरिडोर: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए यूपी में एक डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मेट्रो परियोजनाएं और एयरपोर्ट
लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, और आगरा जैसे शहरों में मेट्रो परियोजनाओं का विस्तार किया गया है।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (नोएडा) का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है, जो एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की दिशा में अग्रसर है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
रोजगार और निवेश
इन्वेस्टर्स समिट: योगी सरकार ने यूपी को निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए कई इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। 2018 और 2023 में आयोजित समिट के दौरान, यूपी सरकार ने 33 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का दावा किया।
वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना: इस योजना का उद्देश्य राज्य के हर जिले के प्रमुख उत्पाद को वैश्विक बाजार में बढ़ावा देना है। इसके तहत कुटीर उद्योगों और पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि और ग्रामीण विकास
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन और हर घर नल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
किसान कर्ज माफी योजना के तहत लाखों किसानों का कर्ज माफ किया गया, जिससे वे आर्थिक संकट से उबर सकें।
स्वास्थ्य सेवाएं
आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
COVID-19 महामारी के दौरान, योगी सरकार ने टेस्टिंग और वैक्सीनेशन के मामलों में देश में अग्रणी भूमिका निभाई।
उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए सख्त कदम उठाए, जिनमें मुठभेड़ों और माफिया पर कार्रवाई ने राज्य की छवि को बदलने की कोशिश की। हालांकि, इसके बावजूद कई बार सरकार को मानवाधिकार हनन और पुलिस के अत्यधिक उपयोग को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
दूसरी ओर, राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यूपी में एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, और औद्योगिक परियोजनाओं के माध्यम से सरकार ने राज्य को निवेश और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।
कुल मिलाकर, योगी सरकार ने एक तरफ आपराधिक मामलों पर सख्त कार्रवाई की, तो दूसरी तरफ राज्य के विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित किया। हालांकि, कानून-व्यवस्था और विकास के संतुलन को लेकर अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं।