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November 1, 2024 3:00 pm

शादी के बाद ही पत्नी हो गई गुम, 7 साल बाद मिली तो पति, अपनी पत्नी के बच्चे का बन चुका था भाई… चौंकाने वाला मामला है ये

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर किसी का भी दिमाग चकरा सकता है। यहाँ एक विवाहित महिला अपने पति को छोड़कर अचानक गायब हो गई थी, और उसी समय उसका ससुर भी लापता हो गया था। महिला का पति लगातार दोनों की तलाश में जुटा रहा, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला।

सात साल के लंबे समय के बाद, पति को यह जानकारी मिली कि उसकी पत्नी और उसका ससुर चंदौसी में रह रहे हैं और दोनों ने आपस में शादी कर ली है। इस पर पति ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने दोनों को पकड़कर थाने लाया, जहां सच्चाई सामने आई।

जांच के दौरान पता चला कि महिला चार साल पहले अपने ससुर के साथ भाग गई थी और दोनों ने शादी कर ली थी। अब उनका एक दो साल का बेटा भी है। महिला ने बताया कि वह अपने पति से परेशान थी, क्योंकि शादी के समय उसका पति नाबालिग था, न तो वह पढ़ा-लिखा था और न ही कुछ कमाता था। इस कारण उसने अपनी मर्जी से ससुर के साथ भागने और शादी करने का फैसला किया।

महिला ने पुलिस को शादी के दस्तावेज भी दिखाए, जिससे पुलिस को उन्हें छोड़ना पड़ा। हालांकि, यह मामला अब इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना बदायूं जिले के दबतोरी चौकी क्षेत्र की है, जहां एक युवक ने कुछ दिन पहले बिसौली पुलिस को शिकायत दी थी।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी शादी 2016 में वजीरगंज क्षेत्र की एक युवती से हुई थी।

शादी के एक साल बाद, पत्नी और उसके पिता कहीं गायब हो गए थे, और तब से वह दोनों की तलाश कर रहा था। सात साल बाद उसे पता चला कि दोनों चंदौसी में रह रहे हैं और शादी कर चुके हैं।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला और उसके ससुर को पकड़ लिया और थाने ले आई। महिला ने बताया कि वह अपने पति से परेशान थी और शादी के समय उसका पति नाबालिग था। इसलिए उसने ससुर के साथ भागकर शादी कर ली।

अब दोनों अपनी जिंदगी में खुश हैं और चंदौसी में रह रहे हैं। महिला ने कहा कि वह अपनी मर्जी से ससुर के साथ भागी थी और उससे शादी की थी। अब वे दोनों अपने दो साल के बेटे के साथ चंदौसी में रह रहे हैं, ताकि गांव में बदनामी से बच सकें।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."